इंद्री , 11 अक्टूबर: राज्यमंत्री कर्णदेव कंबोज ने वीरवार को इंद्री हल्के में पदयात्रा के चौथे चरण के तहत दर्जनभर गांव में पदयात्रा कर स्वच्छता की अलख जगाई। वहीं इस यात्रा में राज्य मंत्री के साथ काफी संख्या में कार्यकर्ताओं ने भी भाग लिया। इस अवसर पर लोगों ने राज्यमंत्री का जगह-जगह जोरदार स्वागत किया और उन्होंने क्षेत्र की समस्याओं से अवगत करवाया। पद यात्रा का समापन धनौरी गांव में किया गया। राज्य मंत्री कर्ण देव कंबोज की इस पद यात्रा में गांव शेखुपुरा और हिनौरी गांव को गोद लेकर दोनों गांव में विकास के कार्य तेजी से कराने का ऐलान किया।
आपको बता दें कि यह दोनों गांव गत दिवस पश्चिमी यमुना नहर के टूट जाने से आए पानी में बुरी तरह से प्रभावित हुए थे। राज्यमंत्री कर्णदेव कंबोज ने इन गांव को विशेष तौर पर गोद लेकर इन गांव के लोगों के दुख तकलीफ दूर करने का भरोसा दिलाया था। उन्होंने गांव में पहुंचने पर लोगों को 4 साल की सरकार की उपलब्धियों व नीतियों के बारे मेन बताया। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने इंद्री हल्के ही में नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में विकास के नए आयाम स्थापित किए है। उन्होंने कहा कि विरोधी दलों के नेतोन के पास कोई भी मुद्दा नहीं है कि वे जनता के पास क्या लेकर जाये।
पत्रकारों से बात करते हुए राज्यमंत्री कर्णदेव कंबोज ने कहा कि इनेलो की गोहाना रैली में जो कुछ हुआ वह सारे प्रदेश की जनता ने देख लिया है। इनेलो ने बहुजन समाज की पगड़ी ना लेकर उनका अपमान किया है , जिस तरह से हूटिंग रैली में हुई है उससे इनेलो की पोल खुल गई है। उन्होंने कहा कि इनेलो का जहाज डूब रहा है अब उसमें जो भी बैठेगा वह भी पानी में डूब जाएगा।
एक सवाल के जवाब में कर्णदेव कंबोज ने कहा कि इनेलो भी कांग्रेस की तरह गुटबाजी का शिकार हो गई है। कांग्रेस में भी अनेक दावेदार मुख्यमंत्री की कुर्सी के बने घूम रहे हैं , यही हाल इनेलो का हो रहा है। उन्होंने कहा कि विपक्ष टुकड़ों में बट चुका है और उनके पास कोई मुद्दा नहीं है। सर छोटूराम की प्रतिमा उन्होंने कहा कि अनावरण समारोह को लेकर विपक्षी दलों के नेताओं द्वारा जात पात की राजनीति भाजपा नहीं कांग्रेस या इनेलो करती है। कांग्रेस या इनेलो के लोगों ने देश में प्रदेश में जात पात का जहर घोला हुआ है उन्होंने कहा कि भाजपा हरियाणा एक हरियाणवी एक तथा सबका साथ समान विकास के नारे पर काम कर रही है उन्होंने कहा कि महापुरुषों को याद किया जाना चाहिए।
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