चण्डीगढ़,3अक्टूबर । हरियाणा के पलवल से कांग्रेस विधायक करण सिंह दलाल ने अपनी सुरक्षा की मांग को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। इस पर सरकार ने हाईकोर्ट के नोटिस पर अपना जवाब दाखिल कर दिया है। सरकार ने जवाब में कहा है कि करण दलाल को कोई खतरा नहीं है।
हरियाणा के एडवोकेट जनरल बीआर महाजन ने हाईकोर्ट को बताया कि हरियाणा विधानसभा से एक साल के लिए निलंबित किये गए करण सिंह दलाल को कोई खतरा नहीं है। बुधवार को मामले की सुनवाई के दौरान हरियाणा सरकार ने हाईकोर्ट को कहा कि अगर दलाल को लगता है कि उनको और अतिरिक्त सुरक्षा दी जाए तो हरियाणा सरकार उनको सुरक्षा उपलब्ध करवाने के लिए तैयार है। हरियाणा सरकार के जवाब पर हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई 10 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दी है।
पिछली सुनवाई पर हरियाणा के एडवोकेट जनरल बीआर महाजन ने हाईकोर्ट को बताया था कि दलाल को अतरिक्त सुरक्षा दिए जाने की जरुरत नहीं हैं। महाजन ने बताया था कि करण सिंह दलाल को अगर जान का खतरा होता तो वो खुद पत्रकारवार्ता में उन्हें गोली मारने की नेता प्रतिपक्ष अभय चौटाला को चुनौती न देते।
करण सिंह दलाल ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर बताया है कि सीबीआई अदालत ने भी वर्ष 2015 में उन्हें पर्याप्त सुरक्षा दिए जाने के केंद्र और हरियाणा सरकार को आदेश दिए थे। उन्हें दिल्ली में तो सुरक्षा मिल रही है, लेकिन अभी उन्हें हरियाणा और चंडीगढ़ में ठीक से सुरक्षा नहीं दी जा रही है।दलाल ने बताया कि हाल ही में विधानसभा सत्र के दौरान अभय सिंह चौटाला के साथ हुई तीखी बहस के समय अभय चौटाला ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी थी। विधानसभा में हुई इस बहस के बाद अभय सिंह चौटाला ने मीडिया में कहा था की जिस वक्त विधानसभा में बहस चल रही थी, अगर उस समय उनके पास बंदूक होती तो वो उन्हें गोली मार देता। करण सिंह दलाल ने याचिका में कहा है कि अभय सिंह चौटाला आपराधिक प्रवृत्ति का व्यक्ति है और उन्हें विधानसभा में जान से मारने की भी धमकी दी है। अभय सिंह चौटाला के खिलाफ पहले ही कई मुकदमे चल रहे हैं और सीबीआई कोर्ट में भी सुनवाई चल रहीे हैं। इस आधार पर अभय चौटाला से खुद की जान को खतरा बताते हुए दलाल ने वाई प्लस श्रेणी की सुरक्षा दिए जाने की मांग की है।