चंडीगढ़, (ब्यूरो)। हरियाणा सरकार द्वारा चलाई जा रही ‘म्हारा गांव जगमग गांव’, दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण ज्योति योजना और इंटिग्रेटिड पावर डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम में हजारों करोड़ का घोटाला हुआ है। इन योजनाओं के अंतर्गत दक्षिणी हरियाणा बिजली वितरण निगम के 7 जिलों में घटिया क्वालिटी की केबल तारें लगाई गई है। घटिया क्वालिटी का माल उपलब्ध कराने वाली चहेती फर्मों पर कार्रवाई करने की बजाय खानापूर्ति के लिए सरकार ने ठेकेदारों पर 42 करोड़ की रिकवरी डाल दी। यह बात प्रेसवार्ता में नेता विपक्ष अभय सिंह चैटाला ने आरटीआई से मिली जानकारी के हवाले से कही। उन्होंने प्रदेश की खट्टर सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि घोटालों के मामलों व घोटालेबाजों को संरक्षण देने में प्रदेश की मौजूदा सरकार, हुड्डा सरकार को भी मात दे रही है।
नेता विपक्ष ने कहा कि उपरोक्त योजनाओं में घोटाले की जानकारी तब हुई इस्तेमाल किए गए उपकरण गुणवत्ता के मानकों पर खरे नहीं उतरे और सभी सैंपल फेल पाए गए। उन्होंने कहा कि होना तो यह चाहिए था कि सरकार उन सभी फर्मों को ब्लैक लिस्ट करती और उनसे नुकसान की भरपाई करती लेकिन अपने चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए फर्मों को छोड़, सरकार ने आनन-फानन में ठेकेदारों पर रिकवरी डालने का निर्णय लिया।
अभय सिंह चैटाला ने सरकार कि निष्पक्ष जांच की मंशा पर यह कहते हुए संदेह प्रकट किया कि इन स्कीमों में सबसे ज्यादा उपकरणों की खरीद फरीदाबाद व गुरूग्राम में हुई थी लेकिन सरकार ने उन जिलों में जांच नहीं करवाई। इसका सीधा मतलब है कि सरकार घोटालेबाजों को बचाने का काम कर रही है। वहीं नेता विपक्ष ने याद दिलाया कि वर्ष 2014 में 253 करोड़ के मीटर पिल्लर बाॅक्स घोटाले में स्वयं मुख्यमंत्री ने केस दर्ज कर कार्रवाई के आदेश दिए थे और 7 अधिकारियों को सस्पैंड किया था लेकिन सरकार ने बाद में सभी को बहाल कर दिया। एक अन्य मामले का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि सोनीपत एमसी कार्यालय कम्प्लेक्स जोकि 6.62 करोड़ में तैयार होना था उसको नियमों के विरुद्ध 28 प्रतिशत अधिक डीएसआर दिल्ली शेडयूल रेट पर निर्माण सामग्री खरीद कर 12.8 करोड़ में किया गया।
नेता विपक्ष ने कहा कि कहां तो लोगों को महंगाई से राहत देने के लिए सराकर को कदम उठाने चाहिए थे वहीं उल्टा रजिस्ट्री फीस में बढ़ोतरी कर जनता के साथ अन्याय कर दोनों हाथों से लूटने का काम कर रही है। उन्होने पिछले दिनों प्रदेश में भारी बारिश में लाखों एकड़ फसल बर्बाद होने पर चिंता वयक्त करते हुए कहा कि सरकार को तुरंत प्रभाव से गिरदावरी करवा, किसानों को कम से कम प्रति एकड़ 25 हजार रुपए का मुआवजा देना चाहिए।
जहां एक ओर नेता प्रतिपक्ष ने सरकार के घोटालों की पोल खोली वहीं प्रदेश में कानून व्यवस्था बनाए रखने में भी नकारा बताते हुए कहा कि जिस प्रकार स्वच्छ छवि व भ्रष्टाचार विरोधी बातें केवल बातें ही हैं उसी प्रकार ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ केवल ढकोसला है। उन्होंने कहा कि इस साल अगस्त माह तक के स्टेट क्राइम रिकार्ड ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार महिलाओं पर अपराध के 10158 मामले दर्ज हुए हैं वहीं गैंगरेप व रेप के 95 और 949 मामले दर्ज हुए हैं जो अपने आप में शर्मसार हैं। प्रेसवार्ता के दौरान रामपाल माजरा, आरएस चैधरी, एमएस मलिक, बीडी ढालिया व प्रदेश प्रवक्ता प्रवीण आत्रेय भी मौजूद थे।