अर्जन सिंह भारतीय एयरफोर्स के इतिहास में पहले प्रमुख थे, जिन्होंने पहली बार देश के किसी युद्ध में एयरफोर्स का नेतृत्व किया. 1 अगस्त 1964 को अर्जन सिंह एयर मार्शल की पदवी के साथ चीफ ऑफ एयर स्टाफ बनाए गए. 1965 में पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ ऑपरेशन ग्रैंड स्लैम को अंजाम दिया और पाकिस्तानी टैंकों ने अखनूर शहर पर धावा बोल दिया. एयर चीफ अर्जन सिंह की यह सबसे बड़ी चुनौती थी.पाकिस्तानी हमले की खबर पाते ही रक्षा मंत्रालय ने सभी सेना प्रमुखों को तलब किया और कुछ मिनटों की इस मुलाकात में अर्जन सिंह से पूछा गया कि वह कितनी जल्दी पाकिस्तान के बढ़ते टैंकों को रोकने के लिए एयर फोर्स का हमला कर सकते हैं. अर्जन सिंह ने रक्षा मंत्रालय से हमला करने के लिए सिर्फ एक घंटे का समय मांगा था.वादे के मुताबिक अर्जन सिंह अपनी बात पर खरे उतरे और अखनूर की तरफ बढ़ रहे पाकिस्तानी टैंक और सेना के खिलाफ पहला हवाई हमला 1 घंटे से भी कम समय में कर दिया. इसके बाद पूरे युद्ध के दौरान अर्जन सिंह ने वायु सेना के नेतृत्व के साथ-साथ पाकिस्तान के खिलाफ इस युद्ध में बेहद अहम भूमिका निभाई थी.