नई दिल्ली, (डेस्क)। सुप्रीम कोर्ट ने आज विवाहेतर संबंध को लेकर बड़ा फैसला दिया है। अडल्टरी कानून के सेक्शन 497 को असंवैधानिक करार देते हुए इसे अपराध के दायरे से बाहर करने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला सुनाते हुए चीन, जापान और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों का उदाहरण दिया और कहा कि इन देशों में ऐसा कानून नहीं है। इससे पहले 2 अगस्त को सुनवाई के दौरान विवाहेतर संबंध को अपराध मानने वाले आईपीसी के सेक्शन 497 को मनमाना और महिला विरोधी बताया था। आइये जानते हैं दुनिया के अन्य देशों में विवाहेतर संबंध को लेकर क्या कानून हैं।
दक्षिण कोरिया : वर्ष 2015 में इसे अपराध की श्रेणी से बाहर रखा गया।
जापान : वर्ष 1947 में अपराध की श्रेणी से बाहर रखा गया।
फिलीपींस : 4 महीने से लेकर 6 साल तक की सजा का प्रावधान।
सऊदी अरब, पाकिस्तान और सोमालिया समेत कई मुस्लिम देशों में विवाहेतर संबंध न सिर्फ अपराध की श्रेणी में है बल्कि वहां इसके लिए गंभीर सजा का प्रावधान है। अलग-अलग मुस्लिम देशों में सजा का प्रावधान इस तरह से है।
सऊदी अरब : पत्थर मार-मारकर जान से मारने की सजा।
पाकिस्तान : ऐसे मामलों को दो श्रेणियों में बांटा गया है। गंभीर अपराध के लिए पत्थर मार-मारकर मारने या 100 कोड़े सार्वजनिक रूप से मारने का प्रावधान है। दूसरे मामले में दस साल तक जेल की सजा का प्रावधान है।
सोमालिया : पत्थर मार-मारकर मारने की सजा।
अफगानिस्तान : सार्वजनिक रूप से 100 कोड़े मारने का प्रावधान।
मिस्र : महिलाओं को 2 साल तक जेल की सजा और पुरुष को छह महीने तक जेल की सजा।
ईरान : फांसी की सजा।
तुर्की : 1996 में इसे अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया गया।
अमेरिका : 21 राज्यों में विवाहेतर संबंध अवैध है। न्यूयॉर्क समेत कई राज्यों में पति या पत्नी को धोखा देने को मामूली जुर्म माना जाता है। इदाहो, मैसाचूसट्स, मिशिगन, ओकलाहोमा और विसोकोंसिन जैसे राज्यों में यह घोर अपराध है जिसकी सजा के तौर पर जुर्माना लिया जा सकता है या फिर आजीवन कारावास की सजा हो सकती है।
ताइवान : यहां विवाहेतर संबंध अपराध माना जाता है और वहां इसके लिए एक साल जेल की सजा का प्रावधान है। यहां का कानून महिलाओं को लेकर भेदभाव करता है। अगर ताइवानी पुरुष पकड़ा जाता है तो वह माफी मांगकर छूट जाता है जबकि महिला के मामले में उसे कोर्ट में घसीटा जाता है।
यूरोप, लैटिन अमेरिका के देश, एशिया के कई देश और ऑस्ट्रेलिया में विवाहेतर संबंध अपराध नहीं है।
भारत : आईपीसी के सेक्शन 497 के मुताबिक अगर कोई विवाहित पुरुष किसी शादीशुदा महिला से उसके पति की मर्जी के बिना शारीरिक संबंध बनाता है तो अब यह अपराध नहीं माना जाएगा