गुरुग्राम, 30 अगस्त(सतीश कुमार राघव): साईबर सिटी गुरुग्राम के विकास के लिए प्रशासन के नेताओं और अधिकारियों द्वारा किए गए बड़े बड़े दावों की पोल बरसात ने खोलकर रख दी हैं। लगातार हो रही बरसात के कारण गुरुग्राम क्षेत्र के कई इलाकों में जलभराव होने से लोग काफी परेशान हैं। दरअसल, महाजाम के बाद गुरुग्राम को जाम की झाम और जल भराव से निजात दिलाने के लिए प्रशासन द्वारा दर्जनों योजनाएं बनाई गई। कई स्थानों पर अंडरपास और फ्लाईओवर के निर्माण हुए तो कई नालों की सफाई का दावा कर जल भराव से निपटने की तैयारी की गई। इतना ही नहीं कई ड्रेनेज सिस्टम को सुधारने के लिए करोड़ों का खर्च भी किया गया बावजूद इसके नतीजा वही ढाक के तीन पात निकले। गुरुग्राम के जिला उपायुक्त ने एनएचएआई को नोटिस देकर जलभराव पर रिपोर्ट भी मांगी है। साथ ही उपयुक्त ने यह भी माना कि जल भराव के दौरान पानी निकालने के लिए लगाए गए ऑटोमैटिक पंप काम नहीं कर रहे थे।
लाख जतन के बावजूद भी साइबरसिटी की समस्या खत्म होने का नाम नहीं ले रही। अब प्रदेश सरकार इन अंडरपास के रखरखाव, पानी निकासी और जाम को देखते हुए एक कंपनी ढूढ रही है ताकि वो इसकी जिम्मेदारी ले सके। यानी जलभराव के बाद जल निकासी और जाममुक्त को लेकर एक और योजना। खैर कुछ भी हो लेकिन एक बात तो साफ हो गई कि जिस कार्य को सरकार अपनी उपलब्धी बता रही थी। दरअसल वो कार्य नेशनल अथॉरिटी ऑफ इंडिया की देन है।