जींद, 29 अगस्त : जींद के मनजीत चहल ने एशियाई खेलों में 800 मीटर दौड़ में गोल्ड मैडल जीत कर देश का नाम रोशन किया है। मंजीत की जीत की ख़ुशी में उसके घर में बधाई देने वालों का ताँता लगा हुआ है। मंजीत के माता पिता को उनके बेटे की जीत की चारों ओर से बधाइयाँ मिल रही हैं। बता दें मंजीत चहल ने एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीतकर हरयाणा के साथ पूरे देश का नाम रोशन किया है। मंजीत ने 800 मीटर दौड़ में गोल्ड मैडल जीता है। मंजीत की जीत की खबर मिलते ही उनके घर में बधाई देने वाले लोगों का आना शुरू हो गया। मंजीत के परिजनों ने अपने बेटे की जीत की ख़ुशी में लड्डू बांटकर सबका मुँह मीठा किया।
मंजीत के पिता रणधीर सिंह चहल ने बताया कि उसका बेटा पिछले 18 साल से अपने खेल का अभ्यास रहा है। उसका सपना था कि वह अपने देश के लिए गोल्ड मैडल जीतने का था। जो मंगलवार को उसने पूरा कर लिया। उन्होने बताया कि मंजीत ने कई माह भूटान में अभ्यास किया है। इससे पूर्व मनजीत चहल ने गोहाटी में संपन्न खेलों में हरियाणा की ओर से खेलते हुए 800 मीटर दौड़ में सिल्वर पदक जीता था। जिससे बलबूते पर उन्हें एशियाई खेलों में खेलने का मौका मिला है। मनजीत चहल के पिता रणधीर सिंह चहल ने कहा कि उन्हे विश्वास था कि उनका बेटा जकार्ता में खेलते हुए देश के लिए जरूर कोई खुशखबरी लाएगा। उन्होने कहा कि अब उनका सपना ओलंपिक में मैडल लाने का है।
मंजीत की पत्नी किरण ने बताया कि मंजीत पिछले 6 माह से अपने खेल के अभ्यास के लिए घर से दूर रहा। इसी बीच मंजीत की पत्नी ने एक बेटे का भी जन्म दिया। लेकिन पदक जितने की लालसा में उसने अपने बच्चे के जन्म पर भी घर आना जरूरी नहीं समझा। अब मंजीत का बेटा साढे 4 माह का है। किरण ने बताया कि उसके पति की इस जीत के बाद उसकी खुशी का ठिकाना नहीं है।
हर व्यक्ति की सफलता के पीछे किसी न किसी का हाथ होता है। मंजीत की इस सफलता के पीछे उसके पिता रणधीर सिंह चहल का हाथ है। रणधीर सिंह अपनी जवानी में कबड्डी और हैम्मर थ्रो के अच्छे खिलाड़ी रहें है और उन्होंने मंजीत की लगातार अपने खेल का अभ्यास करते हुए आगे बढऩे की प्रेरणा दी।
हरियाणा के दूध की ताकत ने दिखाया दम -मंजीत की मां बिमला ने बताया कि उसके बेटे हरियाणा के दूध चूरमे की ताकत का दम दिखाया है। गौरतलब है कि मंजीत के पिता भैसों का व्यापार करते हैं और उनके घर दूध घी की भरमार रहती है। मंजीत के छोटे अमरजीत चहल ने भी अपने भाई द्वारा देश का मान बढाने पर खुशी जाहिर की। इनकी माता ने कहा कि अपने बेटे के लिए व्रत रखा जिसका उसको गोल्ड मैडल के रूप में फल मिला।