सिरसा, 28 अगस्त(सुरेंद्र सैनी): सिरसा लघु सचिवालय के बाहर पुलिस कर्मियों के साथ थेहड़ वासियों ने जमकर धक्का मुक्की की। दरअसल पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के निर्देशनुसार सिरसा के थेहड़ को खाली करवाने के आदेश जिला प्रशासन को दिए गए हैं। जिसके मद्देनजर जिला प्रशासन ने थेहड़ में बने हजारों मकानों का सर्वे करवाया। प्रशासन की इस कार्यवाही से थेहड़ मोहल्ला निवासियों में रोष व्यापत है। सैंकड़ों की संख्या में थेहड़वासियों ने आज सिरसा में सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में थेहड़ वासियों का राजनीतिक पार्टियों के कई नेताओं ने भी सहयोग दिया। थेहड़ वासियों ने सिरसा के बाजारों से रोष मार्च निकाला और लघु सचिवालय पहुँच उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सरकार और जिला प्रशासन उनके मकान तोड़कर उनको बेघर करना चाहता है। थेहड़ वासियों कि सरकार से मांग है कि सरकार पहले उनके रहने का प्रबंध करे उसके बाद थेहड़ को खाली करवाए। वहीं उपायुक्त ने प्रदर्शन कर रहे लोगों को कोर्ट में ही जवाब देने की बात कही।
बता दें, कच्चा थेहड़ जिसे मिट्टी का टीला कहते हैं 85 एकड़ में बना हुआ है। हाइकोर्ट ने वर्ष 2012 में इस जमीन पर बने मकानों को खाली करवाने एवं उन्हें बसाने के निर्देश दिए थे। थेहड़ पर फ़िलहाल 3500 से ज्यादा मकान है जिन पर प्रशासन का पीला पंजा किसी भी वक़्त चल सकता है जोकि यहाँ बसे लोगों की चिंता का कारण बनी हुई है। जिला प्रशासन की तरफ से 28 एकड़ में बने 434 मकानों को खाली करवाकर उन्हें हाउसिंग बोर्ड के फ्लैट में शिफ्ट किया गया है। अब जिला प्रशासन की तरफ से बाकी बचे थेहड़ का सर्वे शुरू किया गया जिसको लेकर लोगो में रोष है।