अहमदाबाद। 2002 में हुए गोधरा ट्रेन कांड में सोमवार स्पेशल कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया। कोर्ट ने दो आरोपियों इमरान और फारूक भाना को दोषी माना और उम्रकैद की सजा सुनाई है। जबकि कोर्ट ने इसके अलावा तीन आरोपियों को दोषमुक्त करार दिया। बता दें कि साल 2017 में गुजरात हाईकोर्ट ने गोधरा स्टेशन पर वर्ष 2002 में साबरमती एक्सप्रेस के एक डिब्बे में आग लगाकर 59 लोगों की जान लेने के मामले में अहम फैसला सुनाते हुए दोषी करार दिए जा चुके 11 लोगों की फांसी की सजा को उम्रकैद में तब्दील कर दी थी। जबकि 20 दोषियों को उम्रकैद तथा 63 आरोपियों को बरी करने के फैसले को नहीं पलटा था। विशेष अदालत ने इस मामले में कुल 94 में से 63 आरोपियों को बरी कर दिया था, और कुल 31 आरोपियों को दोषी करार देकर उनमें से 11 को फांसी तथा 20 को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। कोर्ट में हुसैन सुलेमान, कसम भेमेडी, फारूक धतिया, फारूक भाना, इमरान उर्फ शेरू भटुक के खिलाफ सुनवाई हो रही थी। साल 2002 गोधरा कांड मामले में 6 आरोपियों में से एक अब्दुलगनी पाटड़िया की 20 अगस्त 2017 में ट्रायल के दौरान मौत हो चुकी है।
ये था मामला
अहमदाबाद से लगभग 130 किलोमीटर दूर गोधरा स्टेशन पर फरवरी, 2002 में साबरमती एक्सप्रेस के जिस कोच (डिब्बे) में आग लगाई गई थी, उसमें 59 लोगों की जलकर मौत हो गई थी, जिनमें से ज्यादातर अयोध्या से लौट रहे कारसेवक थे। मामले के आरोपियों का आखिर तक यही दावा रहा कि उन्होंने 27 फरवरी, 2002 को ट्रेन के कोच में आग नहीं लगाई थी।