दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनाई सजा
नई दिल्ली, (ब्यूरो)। हरियाणा में हुए बहुचर्चित ‘मिर्चपुर कांड’ में आज दिल्ली हाईकोर्ट ने 20 लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई। यह घटना करीब 8 साल पुरानी है, अप्रैल 2010 में हरियाणा के मिर्चपुर इलाके में 70 साल के दलित बुजुर्ग और उसकी बेटी को जिन्दा जिला दिया गया था। जिसके बाद गांव से दलितों ने पलायन कर लिया था। आरोपियों पर दलितों पर हुए हमले और दो दर्जन से ज्यादा दलितों के घर जलाने का आरोप था। हाइकोर्ट ने इस सभी को एससी एसटी एक्ट के तहत सजा सुनाई है।
इससे पहले दिल्ली की निचली अदालत ने 3 लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। इसके बाद 17 और लोगों को शुक्रवार को दिल्ली हाइकोर्ट ने दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने कहा कि इस घटना से दलितों के 254 परिवारों की जिंदगी प्रभावित हुई। उन्हें अपना गांव मिर्चपुर छोड़कर पलायन करना पड़ा। कोर्ट ने कहा कि आजादी के 70 साल के बाद भी दलितों के साथ इस तरह की घटना बेहद शर्मनाक है। दलितों के खिलाफ अभी भी अत्याचार कम नहीं हुए हैं। हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को आदेश दिया है कि सरकार इन परिवारों को पुनर्वास प्रदान करे।
बता दें कि 21 अप्रैल 2010 को नारनौंद थाने के अंतर्गत आने वाले मिर्चपुर गांव में दबंगों ने पुलिस की मौजूदगी में गांव के दलित समुदाय की बस्ती को घेरकर उसमें आग लगा दी थी। इस घटना में वाल्मीकि समुदाय के ताराचंद व उसकी अपाहिज बेटी सुमन की जलने से मौत हो गई थी। इस कांड में दबंगों ने 25 से अधिक घरों को पूरी तरह जला कर उनमें लूटपाट की थी। इस घटना के बाद जनवरी 2011 से करीब 150 दलित परिवार गांव से बाहर रह रहे हैं।