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जिले को पॉलीथिन मुक्त बनाने के लिए चलाए गए अभियान की उपायुक्त ने पत्रकारों को दी जानकारी

पलवल, 23 अगस्त(सौरभ वर्मा): पलवल जिला उपायुक्त मनीराम शर्मा ने लघु सचिवालय के सभागार में प्रैस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि जिला प्रशासन की ओर से शहरी क्षेत्रों को पॉलीथिन मुक्त बनाने का अभियान जोर-शोर से चलाया हुआ है। इसके लिए सबसे पहले दुकानदारों व ग्राहकों को जागरूक किया गया तथा अब विभिन्न विभागों के अधिकारियों को पॉलीथिन कैरी बैग रखने वालों के चालान काटने व सामान जब्त करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही शहर में अतिक्रमण के खिलाफ भी विशेष अभियान चलाया जाएगा।

उपायुक्त मनीराम शर्मा ने कहा कि जिला प्रशासन के प्रयासों से पॉलीथिन का प्रयोग न करने के प्रति लोगों में जागरूकता आई है लेकिन अभी इस दिशा में और कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, नगर परिषद व नगर पालिका व मार्किट कमेटी के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे पॉलीथिन कैरी बैग व थर्माकोल से बने सामान की बिक्री व भंडारण पर रोक लगाना सुनिश्चित करें। लगातार अपने-अपने क्षेत्रों में दौरा कर दुकानों व रहडिय़ों की चैकिंग करें तथा यह सामान मिलने पर संबंधित दुकानदार व ग्राहक का तुरंत चालान करें। उपायुक्त ने कहा कि जिला प्रशासन ने होडल उपमंडल पर अंत्योदय सरल केंद्र का शुभारंभ किया है, जिसके बाद वहां पर एकल खिडकी प्रणाली शुरू हो गई है जिसमें वाहन पंजीकरण, लाइसैंस, राशन कार्ड, कृषि व वैटनरी विभाग सहित अनेक विभागों से संबंधित योजनाओं का लाभ एक जगह पर मिलेगा।

इसी प्रकार हथीन में भी अत्योदय सरल केंद्र का शुभारंभी शीघ्र ही कर दिया जाएगा। इसके बाद पलवल शहर में आगामी 15 सितंबर तक अंत्योदय सरल केंद्र व अंत्योदय भवन का शुभारंभ कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि पिछले दिनों गांव रामगढ़ में पशुओं में बीमारी से संबंधित सूचना मिलने पर जिला प्रशासन द्वारा तुरंत कार्यवाही की गई, जिसके तहत पशुपालन विभाग के डॉक्टरों ने उस गांव के बीमार पशुओं का जल्द से जल्द इलाज कर बीमारी पर काबू पाया। उपायुक्त ने इस अवसर पर लोगों से अपील की कि वे बच्चों को स्कूल में ओवरलॉडिड वाहनों से न भेेंजे। ऐसे में बच्चों की सुरक्षा की जिम्मेवारी स्कूलों के साथ-साथ स्वयं अभिभावकों की भी है। अगर किसी स्कूल वाहन या प्राइवेट वाहन में क्षमता से अधिक बच्चे बैठाए जाते हैं तो अभिभावक इसका विरोध करें तथा इसकी सूचना पुलिस विभाग को करें। इसके साथ ही अभिभावक यह सुनिश्चित करें कि वे कम उम्र के बच्चों को मोटरसाइकिल व स्कूटी आदि चलाने आदि न दें। यह सुरक्षा की दृष्टि से कतई भी उचित नहीं है।

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