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जिले में प्रथम स्थान पाने वाली छात्रा को सम्मानित न किए जाने पर परिवार में निराशा

टोहाना, 23 अगस्त(नवल सिंह): स्वतंत्रता दिवस व गणतंत्र दिवस पर ब्लाक व जिला स्तर पर शिक्षा, खेल, समाज सेवा सहित अन्य क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान करने वाले व्यक्तियों को प्रशासन द्वारा सम्मानित किया जाता है। जिसको लेकर समय-समय पर सवाल भी उठाए जाते रहे हैं। ऐसे ही एक सरकारी स्कूल की प्रतिभा की अनदेखी का मामला प्रकाश में आया है। जहाँ प्रदेश में पाचंवा व टॉप टेन में जगह बनाने वाली आरोही सरकारी स्कूल की गीतिका को प्रशासन सम्मानित करना भूल गया। वहीं दूसरी ओर गीतिका से कम अंक लेने वाले निजी स्कूलों के बच्चों को सममानित किया गया। जब मामला मीडिया के माध्यम से अधिकारियों के सामने आया तो उन्होंने जल्द ही गीतिका को सम्मानित करने की बात कही।

वहीँ इस बारे में छात्रा गीतिका का कहना है कि उसने प्रदेश में पांचवा रैंक हासिल किया है तो जिले में उसका प्रथम स्थान था, लेकिन उसे ना तो जिला स्तर पर और न ही ब्लाक स्तर पर सम्मानित किया गया। वहीं गीतिका का कहना है कि जिला स्तर पर जिनकी दूसरी पॉजिशन है उन्हें सममानित किया गया है।

गीतिका के पिता उमेश सलूजा का कहना है कि उन्होनें बेटियों को बचाया भी और पढाया भी है उनकी दो ही बेटियां है जिनमे से उनकी बडी बेटी गीतिका ने प्रदेश में पांचवां रैंक प्राप्त करते हुए जिले में पहला स्थान पाया है लेकिन प्रशासन द्वारा 15 अगस्त पर उनकी बेटी को सम्मानित न करके उनकी बेटी की अनेदखी की गई जिससे उनके मन में निराशा है। गीतिका के पिता की मांग है कि इसकी जांच होनी चाहिए कि जिले में प्रथम आने पर भी उनकी बेटी की अनदेखी की गई। उन्होंने कहा कि अगर इस मामले में उनकी सुनवाई नहीं हुई तो वह इसके लिए अपील भी करेंगे। उनका कहना है कि मेरी बेटी का हक उसे मिलना चाहिए।

गीतिका को सम्मानित न किए जाने से नाराज वार्ड के पार्षद रामकुमार सैनी ने कहा कि एक तरफ तो सरकार लुभावनी, खोखली योजनाओं पर करोडों रूपया खर्च करती है लेकिन धरातर पर ऐसा कुछ नहीं हो रहा। उन्होंने कहा कि गीतिका की इस उपलब्धी के बाद भी उसे न तो ब्लाक स्तर पर और ना ही जिला स्तर पर कहीं सममानित किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रशासन के इस तरह के रवैए से बच्चों का मनोबन टूटता है। सरकार को इस पर विचार करना चाहिए।

वहीं मीडिया के जरिए मामला खण्ड शिक्षा अधिकारी तक पहुंचा तो उन्होंने ने बच्ची को जल्द ही सम्मानित करने की बात कही।

शिक्षा अधिकारी ने कहा कि उन्होंने मासिक बैठक में सभी स्कूलों को अपने स्कूल से बच्चों की लिस्ट भेजने को कहा था। बच्ची का नाम लिस्ट में नहीं आया था इसलिए वो सम्मानित नहीं हो पाई इसलिए उसे दुबारा सम्मानित करंगें।

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