यमुनानगर (वीणा अरोड़ा) : तलाक तलाक तलाक महज तीन बार कहा गया यह तलाक एक महिला की जिंदगी को तबाह कर देता है लेकिन अगर एक महिला किसी पुरूष को तीन बार तलाक कह दे तो यह मान्य नही होगा क्योंकि मुस्लिम कानून के अनुसार महिला को इस बात का कोई हक नही है और ऐसा ही एक मामला सामने आया यमुननगर के कस्बा जठलाना के गांव नांगल का दराअस्ल जठलाना कस्बे के गांव उन्हेंडी से विवाह कर आई साजिया नांगल गांव के अब्बास के साथ ही रह रही थी जिससे उसको पांच बच्चे भी हुए हालाकि दो बच्चों की मौत हो चुकी थी और दो बच्चे स्कूल में पढने के लिए जाते है जबकि एक बच्चा ऐसा है जो महज डेढ साल का है और ऐसे मं साजिया घर से अचानक गायब हो गई उसे हर तरफ ढूंढा लेकिन साजिया का कुछ पता नही चला लेकिन परिवार के लोगो के पांव तले से जमीन तब निकली जब अब्बास की भतीजी के हाथ वह चिटठी लगी जिस पर साजिया ने अब्बास को तीन तलाक का हवाला देकर घर से चले गई थी जांच में पता चला कि पडो में रहने वाले अपने भांजे के संग ही साजिया फरार हो गई और ऐसे में जब साजिया से फोन पर संपर्क किया तो उसने भी साफ साफ कह दिया कि तीन तलाक का मतलब तलाक होता है और वह उसे यह बात लिख कर दे आई है जिसके बाद अब्बास सख्ते में आ गया है हालाकि इस बात को मुस्लिम कानून नही मान रहा और न ही अब्बास इस बात को मानता है कि साजिया द्वारा दिया गया तलाक मान्य है लेकिन साजिया उत्तर प्रदेश के नन्हेडा में जाकर इस बात को स्वीकार कर रही है कि उसने अब्बास को तलाक दे दिया है और अब वह यहा है वही पर ही रहेगी।
शायद इतिहास मे यह पहला ऐसा मामला है कि एक महिला ने अपने पति को तलाक दिया है और ऐसे में आसपास के लोगो ने की माने तो एक औरत को यह हक नही है और ऐसा लिखा हुआ तलाक मान्य भी नही होता और ऐसे में जब इस पूरे मामले में दारूल कुरान के मौलवी से बात की तो उन्होंने भी महिला को ऐसा हक न दिए जाने की बात कही और उन्होंने साफ साफ कह दिया कि एक औरत को यह हक नही है हालाकि पुरूष अगर किसी महिला को ऐसा कह दे तो वह उसकी जिंदगी से दूर चले जाती है भले ही दोनों में अगर सहमती भी हो जाए तो उसे हलाला करना पडता है मतलब कि चार माह तक किसी गैर पुरूष से शादी कर उसके साथ रहना पडता है और बाद में फिर से उसे निकाह कर अपने पति के पास आना पडता है लेकिन यहा मामला बिलकुल उल्ट है और ऐसे में महिला की बात सामने आते ही हर आदमी यही कहता है कि महिला को ऐसा हक कहा हालाकि केंद्र सरकार ने इस तीन तलाक के मुददे पर बडी बहस भी छेडी थी लेकिन आज भी मुस्लिम समुदाय के लोग अपने ही कानून की पालना करते हुए इस तीन तलाक को मान रहे है।