नयी दिल्ली, (ब्यूरो)। भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी पंचतत्व में विलीन हो गए। पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनकी अंत्येष्टि की गई। दत्तक पुत्री नमिता ने उन्हें मुखाग्नि दी। अटल बिहारी वाजपेयी की बेटी नमिता और नातिन निहारिका ने उनके अंतिम संस्कार की प्रक्रिया पूरी की। 19 अगस्त को हरिद्वार में स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थियां विसर्जित की जाएंगी।
इससे पहले सेना की एक विशेष गाड़ी पर वाजपेयी की अंतिम यात्रा निकाली गई। तीनों सेनाओं की एक संयुक्त टुकड़ी उनके पार्थिव शरीर को लेकर निकली। अंतिम यात्रा में हजारों की संख्या में लोग अटल बिहारी अमर रहे की नारा लगाते हुए चल रहे थे। राष्ट्रीय स्मृति स्थल पर राजकीय सम्मान और बड़े नेताओं व हजारों लोगों की मौजूदगी में वाजपेयी को अंतिम विदाई दी गई। इस दौरान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडु, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी समेत अन्य नेता शामिल रहे। भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक और अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई भी अंतिम संस्कार में मौजूद रहे। वहां मौजूद लोगों ने ‘वाजपेयी अमर रहे’ के नारे भी लगाए। बता दें कि वाजपेयी का लंबी बीमारी के बाद गुरुवार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में निधन हो गया था। गुरुवार रात को उनकी पार्थिव शरीर को उनके घर पर रखा गया था। इसके बाद सुबह भाजपा मुख्यालय से अंतिम यात्रा शुरू हुई।