नयी दिल्ली, (ब्यूरो)। बीजेपी मुख्यालय में भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि देने पहुंचे बंधुआ मुक्ति मोर्चा के संस्थापक स्वामी अग्निवेश के साथ हाथापाई की बात सामने आई है, बताया जा रहा है कि स्वामी अग्निवेश के साथ मुख्यालय के बाहर कार्यकर्ताओं ने मारपीट की। स्वामी अग्निवेश ने खुद कहा कि मेरे साथ हाथापाई हुई है और मुझे अपमानित किया गया है। अग्निवेश ने कहा कि मुझे बीजेपी मुख्यालय के बाहर गद्दार कहना शुरू किया, जब मैं अटल जी को श्रद्धांजलि देने जा रहा था।
मीडिया से बातचीत में अग्निवेश ने कहा मैं अटल जी को श्रद्धा सुमन अर्पित करने अपने आर्य समाज के साथियों के गया था। हम लोग बीजेपी मुख्यालय के नजदीक पहुंच गए थे। वहां पहुंचने के बाद मैंने हर्षवर्धन जी से फोन पर बात की तो उन्होंने कहा कि आप आराम से भीतर आ जाइए। इससे पहले भी मेरी उनसे बात हो चुकी थी। तभी अचानक से मेरे खिलाफ नारेबाजी हुई और लोग गद्दार कहने लगे, मुझे बुरी तरह से मारा। हम दो-तीन लोग थे। हम सबको समझाने की कोशिश कर रहे थे कि आज के दिन प्लीज ऐसा मत कीजिए क्योंकि आज गलत संदेश जाएगा। मगर ये लोग नहीं माने। उन्होंने कहा जब हम लोग सुरक्षा गेट पार कर दूसरी तरफ गये तो वहां भी ये लोग आ गये और फिर हमला कर दिया। मैं हाथजोड़ कर कहने लगा कि भाई ये मत करो. मुझसे क्या परेशानी है। फिर हमें पुलिस की गाड़ी मिली जिसमें बैठकर मैं जंतर मंतर आया। उन लोगों ने पुलिस की गाड़ी पर भी हमला किया।
पहले भी हुआ हमला
गौरतलब है कि इसे पहले ठीक एक माह पहले 17 जुलाई 2018, स्वामी अग्निवेश परी झारखंड के पाकुड़ के मुस्कान पैलेस होटल के सामने भाजपा युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने जमकर पिटाई की। कार्यकर्ता पाकिस्तान व ईसाई मिशनरी के दलाल स्वामी गो बैक के नारे लगा रहे थे। स्वामी अग्निवेश लिट्टीपाड़ा में पहाड़िया हिल एसेंबली के दामिन दिवस समारोह में भाग लेने आए थे। यही नहीं मई, 2011 में गुजरात के अहमदाबाद में एक जनसभा के दौरान स्वामी अग्निवेश के साथ एक संत ने अभद्रता की। जनसभा के दौरान संत ने स्वामी अग्निवेश को थप्पड़ मारा। संत की पहचान महंत नित्यानंद दास के रूप में हुई थी। अमरनाथ में शिवलिंग के बारे में अग्निवेश द्वारा हाल ही में दिए गए बयान से संत नाराज था। उसे बाद में गिरफ्तार कर लिया गया था।