गुरुग्राम, 14 अगस्त(सतीश कुमार राघव): एक बार फिर पाकिस्तान का घिनौना चेहरा उस समय देखने को मिला जब पाकिस्तान ने एक भारतीय का इलाज करने से इंकार कर दिया। जिस पाकिस्तान के नागरिक बेहतर इलाज के लिए भारत की विदेश मंत्री से वीजा के लिए मदद की गुहार लगाते हैं। उसी पाकिस्तान ने भारत के एक नागरिक का इलाज करने से मना कर दिया। दरसअल 12 अगस्त 2018 को तुर्की एयरलाइंस इस्तांबुल से दिल्ली आ रही थी और इस फ्लाइट में कुल 70 लोग थे, जिसमें भिवाड़ी के रहने वाले विपिन कुमार की अचनाक फ्लाइट में ही तबियत खराब हो गई और वह वहीं बेहोश हो गए। फ्लाइट में मौजूद एक एमबीबीएस डॉक्टर ने विपिन को फर्स्ट ऐड दी लेकिन विपिन की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ। विपिन की खराब हालत देखकर यात्री परेशान हो गए। पायलट ने भी इसे काफी गंभीरता से लिया और लाहौर में विमान की आपात लैंडिंग करवाई। लेकिन वहां विपिन करीब 3 घंटे तड़पता रहा। पाकिस्तान के डॉक्टर आए लेकिन उन्हें इमिग्रेशन ने विपिन को इलाज के लिए अस्पताल ले जाने की परमिशन नहीं दी।
विपिन के रिश्तेदारों की माने तो पायलट ने बताया कि भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव के कारण पाकिस्तान इमीग्रेशन डिपार्टमेंट ने भारतीय यात्री को इलाज मुहैया करवाने की अनुमति नहीं दी। बाद में फ्लाइट दिल्ली उतारी और युवक को मेदांता अस्पताल के आईसीयू में भर्ती करवाया गया। जिसकी वजह से विपिन को करीब 4 घंटे की देरी से इलाज मिला।
अविनाश के दोस्तो ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को इस पूरी घटना के बारे में सोशल मीडिया के माध्यम से बताया है। साथ ही रिस्तेदारो का आरोप है कि जिस कंपनी से ट्रेवल इंसोरेन्स करवाया गया था उसने भी इलाज के पैसेदेने से इनकार कर दिया है। विपिन के घर वालो का कहना है कि इन इंसोरेन्स कंपनी ने ये कहकर पल्ला झाड़ लिया कि विपिन का इंडिया लौटने के बाद इलाज शुरू हुआ है इसलिए ये ट्रैवेल इंसोरेन्स में कवर नही होगा। जबकि परिवार के लोगो का कहना है कि जब पाकिस्तान ने समय पर इलाज नही दिया तो मजबूरी में उन्हें इंडिया आने के बाद इलाज शुरू करवाना पड़ा।