चंडीगढ़। छत्तीसगढ़ के राज्यपाल बलरामजी दास टंडन का 92 साल की उम्र में मंगलवार सुबह निधन हो गया। सुबह 8 बजे उन्हें दिल का दौरा पड़ने के बाद उन्हें मेकाहारा अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनकी गंभीर हालत को देखते हुए वेंटिलेटर पर रखा गया। दोपहर करीब एक बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। राज्यपाल के निधन पर प्रदेश में 7 दिन के राजकीय शोक की घोषणा की गई है। मुख्यमंत्री डाॅ. रमन सिंह ने उनके निधन की आधिकारिक घोषणा की। जानकारी के मुताबिक अस्पताल में उन्हें तत्काल लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया था। डाक्टरों की लंबी कोशिशों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका। उनके निधन का समाचार मिलते ही पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में उनके चाहने वालों ने दुख व्यक्त किया है।
मंगलवार सुबह राज्यपाल बलरामजी दास टंडन की तबियत अचानक बिगड़ने पर उन्हें राजभवन के एंबुलेंस से अम्बेडकर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनकी तबियत की खबर का पता चलते ही मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह अस्पताल पहुंचे और उन्होंने डाक्टरों से उनका हाल-चाल जाना। उधर स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारी भी अस्पताल पहुंच गए थे। सोशल मीडिया में राज्यपाल के तबियत की खबर फैलते ही उनके चाहने वालों का अस्पताल में तांता लग गया। मुख्यमंत्री रमन सिंह के अलावा विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल सहित कई मंत्री और विधायक भी अस्पताल पहुंच गए।
बलरामजी दास टंडन का जन्म एक नवंबर 1927 को अमृतसर पंजाब में हुआ। बलरामजी दास टंडन ने 18 जुलाई 2014 को उन्होंने छत्तीसगढ़ में राज्यपाल पद की शपथ ली थी। उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय, लाहौर से स्नातक की उपाधि प्राप्त की। 1953 में पहली बार अमृतसर नगर निगम के पार्षद निर्वाचित हुए। 1957 में पहली बार विधायक बने। इसके बाद 1962, 1967, 1969, 1977 और 1997 में भी वो विधायक चुने गए। इस दौरान वो पंजाब सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रहे।