गुरुग्राम, 4 अगस्त(सतीश कुमार राघव): गुरुग्राम के सिलोखरा में रहने वली 23 साल की चेतना सैनी ने अपने दो बच्चों को संभालते हुए बॉक्सिंग के अपने सपने को पूरा किया और जिला लेवल पर गोल्ड मैडल हासिल कर जिला का नाम ऊँचा किया है।
कहते हैं कि कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती। आज हम आपको एक ऐसी ही महिला के बारे में बताने जा रहे हैं जो मैरी कॉम और दीपा से कम नहीं हैं। हरियाणा के गांव फर्रुखनगर में जन्मीं चेतना की शादी कम उम्र में ही हो गई थी। उस समय वह नैशनल लेवल पर बॉक्सिंग में झंडे गाड़ रही थीं। शादी के बाद चेतना ने दो बच्चों को जन्म दिया, लेकिन कामयाब बॉक्सर बनने की चाहत को अपने दिल में जिंदा रखा । इसी जज्बे से चेतना ने न सिर्फ अपनी पढ़ाई जारी रखी, बल्कि 5 साल बाद फिर रिंग में उतरकर डिस्ट्रिक्ट लेवल पर चैंपियनशिप में गोल्ड जीता। और इस सब में उनका साथ दिया उनके पति और परिवार ने जिन्होंने हमेशा चेतना का हौसला अफजाही किया।
चेतना के कोच कहना है कि चेतना एक बहुत अच्छी बॉक्सर है और उनकी लग्न को देखते हुए वो एक दिन जरूर देश के लिए गोल्ड लेकर आएंगी।
चेतना शादी से पहले 3 बार नैशनल टूर्नमेंट का हिस्सा बन चुकी हैं। चेतना स्कूल लेवल पर 2010 में ओपन नैशनल प्रतियोगिता तमिलनाड़ू, 2011 में नैशनल टूर्नमेंट पंजाब और 2012 में स्कूल नैशनल प्रतियोगिता में हिस्सा ले चुकी हैं।
चेतना चाहती है कि गांव की लड़कियां बॉक्सिंग सीखकर आत्मरक्षा के गुर सीखें।