भिवानी, 2 अगस्त : भिवानी में बहुजन संगठनों के ज्ञापन पर उस समय हंगाम हो गया जब डीसी ज्ञापन लेने नहीं आए और संगठन सदस्यों ने तहसीलदार को ज्ञापन देने से मना कर दिया। डीसी के ना आने से नाराज संगठन सदस्य हांसी गेट पर जाम करने के लिए जाने लगे तो आनन-फानन में एसडीएम ने उन्हे रास्ते में ही रोक कर समझाया और ज्ञापन लिया।
जेलों में बंद लोगों की रिहाई की मांग को लेकर संगठन के लोगों ने लघु सचिवालय के बाहर केन्द्र व प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। जब तहसीलदार ज्ञापन लेने पहुंचे तो संगठन के चीफ पवन फौजी ने तहसीलदार की बजाय डीसी या एडीसी को ही ज्ञापन देने की बात कही। इसके बाद माहोल गर्म हो गया और तहसीलदार नाराज होकर चले गए। फिर संगठन ने डीसी या एडीसी के आने के लिए समय तय किया लेकिन आधे घंटे बाद भी डीसी या एडीसी के ना पहुंचेने पर हांसी गेट पर जाम लगाने के लिए चल दिए। तब कहीं जा कर एसडीएम सतीश कुमार गाङी लेकर भागे और पंचायत घर के पास संगठन के लोगों को रोक कर ज्ञापन लिया।
बता दें, एससी-एसटी एक्ट में बदलाव के विरोध में 2 अप्रैस को दलित संगठनों द्वारा भारत बंद का एलान किया गया था। दलित संगठनों द्वारा सङकों पर प्रदर्शन किए और कई जगह पर तोड फोड भी हुई। जिसके बाद देश भर में करीब 15 हजार आंदोलनकारियों को गिरफ्तार किया गया था। इन लोगों की रिहाई की मांग को लेकर भिवानी में बहुजन संगठनों के सदस्य सङकों पर उतरे और लघु सचिवालय पर डीसी के माध्यम से पीएम, राज्यपाल व सीएम के नाम ज्ञापन सौंपने पहुंचें।