सोहना, 26 जुलाई(सतीश कुमार राघव): एक तरफ प्रदेश सरकार सरकारी स्कूलों को बढ़ावा देने के बड़े-बड़े दावे कर रही है दूसरी तरफ सोहना के सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल के हालात सरकार के दावों की पोल खोल रहा है। दो वर्षों से स्कूल के छात्र खुले आसमान में शिक्षा ग्रहण करने को मजबूर है। बता दें, दो वर्ष पहले शिक्षा विभाग ने यहाँ बने हुए कमरों को तोड़ दिया लेकिन आज तक उन्हें बनाने की सुध नहीं ली। हालात यह हैं कि बरसात के कारन ग्राउंड में पानी भर जाने के बाद बच्चों को अलग-अलग बैठकर शिक्षा ग्रहण करनी पड़ रही है। वहीं परिसर में जमा पानी बिमारियों का कारण भी बन सकता है।
सोहना के इस सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल में आसपास गांवों के छात्र शिक्षा ग्रहण करते हैं। स्कूल में करीब 2000 से अधिक छात्र हैं करीब दो वर्ष पहले शिक्षा विभाग ने स्कूल में 17 कमरों को तोड़ तो दिया लेकिन उन्हें दोबारा बनाने की सुध नहीं ली। प्रशासन की इस अनदेखी के कारण बच्चे खुले मैदान में व पेड़ों के नीचे बैठकर शिक्षा ग्रहण करने को मजबूर हैं।
इस मामले में स्कूल प्रिंसिपल कई बार शिक्षा विभाग के अधिकारियों को शिकायत कर चुके हैं लेकिन आज तक शिक्षा विभाग ने इसकी कोई सुध नहीं ली हालात यह हैं कि स्कूल में बरसात के समय जब पानी भर जाता है तो छात्रों को छुट्टी करनी पड़ती है या उन्हें थोड़ी थोड़ी सूखी जगह में बैठाकर पढ़ाई करवाई जाती है। सरकारी स्कूल की यह हालत शिक्षा विभाग के दावों और अधिकारीयों की लापरवाही की पोल खोल रहा है।