रोहतक : पीजीआई रोहतक के बाहर एचआईवी पीडि़त महिला अपनी दो बेटियों के साथ इलाज का इंतजार करती रही, लेकिन डाक्टरों ने उसकी कोई सुध नहीं ली। महिला की दो बेटियां है एक की उम्र 2 साल है तो दूसरी की 5 साल। पीजीआई के बहार बैठी इस महिला की दोनों बेटियां भी एचआईवी पॉजिटिव हैं। जिनके इलाज के लिए यह महिला रोहतक पीजीआई के बहार बैठी हुई अपनी बरी का इंतजार कर रही है।
बता दें, महिला और उसका पति अपनी दो बेटियों के साथ 10 जुलाई को रोहतक पीजीआई की इमरजेंसी में इलाज के लिए पहुंचा था, लेकिन यहां डाक्टर्स ने उनकी एक नहीं सुनी और इलाज नहीं किया जिसके कारण 14 जुलाई को महिला के पति ने अस्पताल में ही दम तोड़ दिया। पति के अंतिम संस्कार के लिए भी महिला के पास पैसे नहीं थे।ऐसे में पीजीआई के कर्मचारियों ने चंदा एकत्र कर अंतिम संस्कार के लिए शव को परिजनों समेत सोनीपत भिजवाया। पति के अंतिम संस्कार के बाद पत्नी दोनों बेटियों के साथ वापस पीजीआई इलाज के लिए पहुंची।
पीजीआई में महिला के पास पास खाने तक के पैसे नहीं थे। 4 दिन तक पीजीआई के बाहर एचआईवी पॉजीटिव पत्नी भी इलाज के लिए इंतजार करती रही, लेकिन कोई भी डाक्टर भर्ती करने के लिए राजी नहीं हुआ। वह एमर्जेन्सी के बाहर ही करहाती रही। इसके बाद नेटवर्क फॉर पॉजीटिव पीपुल को मामले की जानकारी मिली। एनजीओ की ओर से महिला व दोनों बेटियों की एआरटी सेंटर में जांच कराई, जहां पर महिला व 2 साल की बेटी के भी एचआईवी पॉजीटिव होने की पुष्टि हुई। एनजीओ ने ही पीडि़ता को भोजन इत्यादि के लिए 200 रूपए की आर्थिक मदद उपलब्ध कराई।
इस बीच यह मामला चाइल्ड वेलफेयर कमेटी की जानकारी में आया। कमेटी के रोहतक चेयरमैन राज सिंह सांगवान ने इस मामले में संज्ञान लिया और पीजीआई पुलिस स्टेशन के जरिए महिला को तुरंत भर्ती कराने के निर्देश दिए। इस बीच एनजीओ के सदस्य भी पीजीआई पहुंचे और महिला को पीजीआई में भर्ती कराया। चाइल्ड वेलफेयर कमेटी ही महिला और उसकी बेटियों के इलाज व पढ़ाई का खर्च उठाएगी। वहीं, इस मामले में पीजीआई ने किसी भी प्रकार की लापरवाही से इंकार किया है।