फरीदाबाद, 20 जुलाई। फरीदाबाद के गांव छांयसा स्थित राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में स्वच्छता अभियान की आड में स्कूल की छात्राओं से झाडू लगवाया जाता। छात्रा द्वारा स्कूल में झाडू लगाने की तस्वीरें कैमरे में कैद हुई हैं, जिसमें छात्रा क्लास रूम की सफाई करती नजर आ रही है। इतना ही नहीं इस स्कूल का तो आलम यह है कि यहाँ 12वी कक्षा को पढ़ाने के लिए मात्र 6 ही अध्यापक है इतना ही नहीं छोटी कक्षा के विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए बड़ी कक्षा की छात्राओं को ही भेज दिया जाता है यानि इस स्कूल की छात्राएं ही जरुरत पड़ने पर स्कूल की अध्यापिका भी बन जाती है। वो भी ऐसी अध्यापक जिन्हे खुद भी कुछ आता जाता नहीं। जी हाँ क्योंकि छोटी कक्षा के बच्चों को पढ़ाने वाली इन छात्राओं को न तो देश के राष्ट्रपति का नाम पता है और न ही शिक्षा मंत्री का। यह तो कुछ भी नहीं इन छात्राओं को तो अपने गांव के सरपंच तक का नाम नहीं पता। अब आप सोच सकतें है कि इस स्कूल में किस तरह की पढाई होती होगी जहाँ कि छात्राओं को इस बात की भी जानकारी नहीं कि देश का राष्ट्रपति कौन है।
इस बारे में जब स्कूल अध्यापिका से पूछा गया तो उन्होंने स्कूल में शिक्षकों की कमी होने की बात कही।
वहीं दूसरी और जब स्कूल में पढ़ने वाली छात्राओं के समान्य ज्ञान के बारे में स्कूल प्रधानाचार्य से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि छात्राओं को समान्य ज्ञान की जानकारी दी जाती है। प्रधानचार्य ने स्कूल की स्थिति के बारे में बताया और स्कूल में 12 अध्यापकों की जगह 6 अधयकों के होने की बात कही।
वैसे तो सरकार बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं की बात करती है और फरीदाबाद गांव छांयसा के सरकारी स्कूल में छात्राओं की पढ़ाई केवल नाममात्र की ही है। सरकारी स्कूल के इन्ही हालातों के कारण माता पिता अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में भेजना ज्यादा पसंद करते हैं।