चंडीगढ,15जुलाई। केन्द्रीय राज्यमंत्री और गुरूग्राम से सांसद राव इन्द्रजीत सिंह ने वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद चुनावी राजनीति छोडने का ऐलान कर इस कयास को बल दिया है कि वे अपनी बेटी को राजनीति में उतारना चाहते है। राव ने एक दिन पहले ही कहा था कि वे अगले साल होने वाले आम चुनाव के बाद चुनावी राजनीति छोड देंगें।
राव इन्द्रजीत रविवार को हरियाणा में ही थे। उन्होंने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार झज्जर जिले के मुंडाहेड़ा में रैली को संबोधित किया और इंडियन नेशनल लोकदल को आडे हाथ लेते हुए कहा कि एसवाईएल नहर के मुद्दे पर इस पार्टी का जेल भरो आंदोलन राजनीतिक लाभ के लिए शुरू किया गया ड्रामा है। उन्होंने कहा कि जब परिवार के मित्र प्रकाश सिंह बादल पंजाब में सरकार चला रहे थे तब चैटाला ने एसवाईएल का मुद्दा क्यों नहीं उठाया।
राव ने हरियाणा की भाजपा सरकार पर प्रहार करते हुए कहा कि जब एसवाईएल नहर निर्माण के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा हरियाणा के पक्ष में फैसला सुनाया जा चुका है तो लम्बे समय बाद भी इसे लागू क्यों नहीं किया जा रहा। उन्होंने कहा कि रावी-ब्यास नदियों का पानी झज्जर और अहिरवाल के बीच सम्बन्ध बनायेगा क्योंकि यह पानी झज्जर होते हुए अहिरवाल आएगा। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को दूसरे मुद्दे पर भी घेरते हुए राव इन्द्रजीत ने कहा कि मुख्यमंत्री ने राज्य के संसाधनों का सभी जिलों में समान वितरण तो सुनिश्चित किया है लेकिन उनके कार्यकाल में राज्य में जातीय विभाजन हुआ है। इस हालत में कोई शासन नहीं कर सकता।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुडडा और अपने बीच तुलना करते हुए राव ने कहा कि वे दोनों ही चार-चार बार विधायक और सांसद रहे है। लेकिन जहां भूपेन्द्र सिंह हुडडा किसान नेता के रूप में पहचाने जाते हैं वहीं वे स्वयं किसानों के मुद्दे प्रमुखता से उठाने और गांवों से वोट पाने के बावजूद यह पहचान नहीं बना पाए। हुडडा को अपना पुराना मित्र बताते हुए राव ने कहा कि वर्ष 1998 में लोकसभा चुनाव का टिकट दिलाने में भूपेन्द्र हुडडा ने उनकी मदद की थी। मैंने भी 1998 के आम चुनाव में हुडडा को अपने क्षेत्र से वोट दिलाए। हुडडा का नाम लिए बगैर राव ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस तब छोडी जबकि उनके गढ में सेंध लगाई गई।
राव ने झज्जर क्षेत्र के लोगों से समर्थन मांगते हुए कहा कि उनका अगला एजेंडा प्रदेश में सामाजिक सौहार्द और सभी जातियों के बीच भाईचारा कायम करना है। उन्होंने कहा कि संसद के मानसून सत्र के दौरान वे हरियाणा के अन्य सांसदों के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिलकर एसवाईएल कैनाल पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला जल्दी से जल्दी लागू करने की मांग करेंगे ताकि हरियाणा को उसके हिस्से का पानी मिले।