टोहाना : दिल्ली के बुराड़ी इलाके में एक घर में 11 मौतों के मामले मैं मृतक परिवार के टोहाना में रह रहे रिश्तेदार और इस परिवार का टोहाना स्थित घर वर्ष 1987 में खरीदने वाले मकान मालिक ने अहम खुलासे किए हैं। टोहाना में रह रहे मृतक परिवार के रिश्तेदार तिलकराज भाटिया ने अहम खुलासा करते हुए बताया कि ललित भाटिया जिसे कि परिवार की मौत के पीछे अंधविश्वास का मास्टरमाइंड माना जा रहा है वह मौन व्रत पर नहीं था। तिलकराज भाटिया के मुताबिक ललित भाटिया दिल्ली में एक हादसे का शिकार हुआ था और इस हादसे के दौरान ही ललित भाटिया की आवाज चली गई थी। हादसे के बारे में स्पष्ट जानकारी नहीं होने की बात कहते हुए तिलकराज भाटिया ने बताया कि अपनी आवाज खोने के बाद ललित भाटिया के पिता की मौत हुई थी और पिता की मौत के कुछ समय बाद ललित भाटिया की आवाज लौट आई थी। इसके बाद परिवार को लगने लगा कि ललित भाटिया की आवाज उसके पिता के रूप में लौटी है। टोहाना में रहते हुए किसी अंधविश्वास या अपने धर्म विशेष के प्रति अजीब आस्था से इनकार करते हुए तिलकराज भाटिया बताते हैं कि टोहाना से जाने के बाद यह परिवार निरंकारी मिशन से काफी लंबे समय तक जुड़ा रहा था। तिलकराज भाटिया कहते हैं कि यह परिवार बिल्कुल साधारण परिवार था और अंधविश्वास जैसी इस परिवार में कोई बात नहीं थी। दिल्ली में रहते हुए किसी व्यक्ति विशेष के विश्वास में आकर अगर इस परिवार ने यह कदम उठाया है तो इसके निश्चित तौर पर उचित जांच होनी चाहिए। वही इस बात की भी बारीकी से पड़ताल होनी चाहिए कि कहीं इस परिवार की साजिश के तहत हत्या तो नहीं की गई। वही टोहाना में ललित भाटिया के परिवार दोबारा जिस व्यक्ति को अपना बेचा गया उस घर के मालिक रामस्वरूप कहते हैं कि वर्ष 1987 में उन्होंने ललित भाटिया के परिवार से यह मकान खरीदा था। मकान खरीदने के बाद उन्होंने इस मकान में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया है। रामस्वरूप ने एक अहम बात यह कहीं की करीब पांच-छह महीने पहले इस परिवार की बहू और बच्चे टोहाना में अपने इस मकान की सीढिय़ां देखने आए थे। हालांकि सीढिय़ां देखने के पीछे मकसद क्या था यह उन्हें नहीं पता। खैर टोहाना में रिश्तेदारों और मकान मालिक से बातचीत के दौरान तीन अहम बातें निकल कर सामने आई है जो कि बुराड़ी के घर में हुई 11 मौतों के मामले को प्रभावित करती हैं। पहला यह की पांच-छ: महीने पहले परिवार की बहू और बच्चे सीढिय़ां देखने अपने इस पुराने मकान में आए तो आखिर सीढिय़ां देखने का मकसद क्या था? दूसरा सवाल यह है कि रिश्तेदार तिलक भाटिया ने बताया कि परिवार दिल्ली में रहते हुए निरंकारी मिशन से लंबे समय तक जुड़ा रहा, ऐसे में यह परिवार अंधविश्वास की तरफ कैसे जा सकता है? तीसरा और अहम सवाल यह है कि ललित भाटिया जिसे की मौन व्रत पर बताया गया है उसकी आवाज दिल्ली में किसी हादसे में जाने की बात सामने आई है, यह हादसा क्या था और हादसे के दौरान किसी व्यक्ति विशेष की नजर में तो यह परिवार नहीं आ गया? कुछ भी हो टोहाना से निकल कर आई ये बातें पूरे घटनाक्रम पर असर जरूर डालती हैं।