चंडीगढ,2जुलाई। पंजाब में नशे की बेकाबू समस्या और संदिग्ध नशीले पदार्थों के सेवन से पिछले एक माह में करीब दो दर्जन युवाओं की मौत से फैली सनसनी के बीच पंजाब केबिनेट ने सोमवार को फैसला किया कि ड्रग तस्करों को फासी की सजा का प्रस्ताव मंजूरी के लिए केन्द्र सरकार को भेजा जाएगा।
केबिनेट बैठक के बाद पंजाब के ग्रामीण विकास मंत्री तृृप्त राजिंदर सिंह बाजवा ने यह जानकारी दी। केबिनेट ने नशा मुक्त होने वालों के पुनर्वास कार्यक्रम की समीक्षा के लिए एक सब कमेटी के गठन का भी फैसला किया। केबिनेट ने इसके अलावा गृृह विभाग के अतिरिक्त मुख्यसचिव एनएस कलसी की अध्यक्षता में एक विशेष कार्यदल के गठन का फैसला भी किया जो कि दिनप्रतिदिन आधार पर नशा मुक्ति अभियान की समीक्षा करेगा। यह विशेष कार्यदल अभियान की समीक्षा करने के साथ इसकी रणनीति को भी कारगर बनाने का काम करेगा। इस कार्यदल में स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सतीश चन्द्रा,कानून-व्यवस्था के पुलिस महानिदेशक ईश्वर सिंह,गुप्तचर पुलिस महानिदेशक दिनकर गुप्ता,एसटीएफ के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एचएस सिद्धू इस कार्यदल में सदस्य होंगे।
मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता में केबिनेट सब कमेटी का गठन भी किया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्री ब्रह््म मोहिंदरा व सामाजिक सुरक्षा मंत्री अरूणा चैधरी इस सब कमेटी में शामिल होंगे। नशा विरोधी अभियान की प्रगति की समीक्षा के लिए इस सब कमेटी की बैठक हर सप्ताह होगी। केबिनेट ने पुलिस महानिदेशक सुरेश अरोरा और एसटीएफ प्रमुख एचएस सिद्धू के साथ अलग-अलग बैठकें कीं। मंत्रियों ने इस दौरान ड्ग संकट को काबू में न कर पाने के लिए पुलिस नेतृृत्व पर नाराजी प्रकट की।
बाजवा ने कहा कि बात यह नहीं है कि नशे से कितने लोग मरे है। बात तो नशे की समस्या को खत्म करने की है। उन्होंने कहा कि मोगा के एसएसपी राजजीत सिंह ही नहीं जो भी दोषी पाया जाएगा उस पर दो दिन में कार्रवाई की जायेगी। सीधी बर्खास्तगी की जायेगी। उन्होंने कहा कि राजजीत सिंह भले ही उनका रिश्तेदार है लेकिन कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि उच्चाधिकारी सही है और अच्छा काम कर रहे है। जिस पुलिस उपअधीक्षक पर आरोप लगे हैं उसे बर्खास्त किया जाएगा। बाकी पुलिस अफसरों के मामले में गृृहसचिव जांच कर कार्रवाई करेंगे। अकाली पूर्व मंत्री विक्रम मजीठिया पर उन्होंने कहा कि जैसे ही कोई सबूत मिलेगा कार्रवाई की जायेगी।