गुरुग्राम, 26 जून(सतीश): साइबर सिटी गुरुग्राम में मैक्स हेल्थकेयर अस्पताल की लापरवाही सामने आई है। जहाँ अस्पताल की लापरवाही की वजह से 52 वर्षीय महिला की मौत हो गई। दरअसल , राँची झारखंड की रहने वाली 52 साल की नीलम को हार्ट की शिकायत थी इलाज के लिए उसे मैक्स अस्पताल में दाखिल कराया गया था। अस्पताल प्रबंधन ने पहले चार लाख का खर्चा बताया, लेकिन बाद में अस्पताल का बिल करीब 16 लाख तक पहुंच गया। मृतक के परिजनों को मैक्स प्रबंधन ने बताया कि उनके मरीज की मौत इंफेक्शन की वजह से हुई है।
परिजनों का आरोप है कि आईसीयू में दाखिल मरीजों के परिजन बाहर से जूता चप्पल पहन कर अंदर जाते है। जबकि आईसीयू में साफ सफाई और बाहर से जूता चप्पल, संक्रमित कपड़ों के साथ जाने की इजाजत नही होती। लेकिन अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही के कारण कोई भी कैसे भी आईसीयू में दाखिल हो सकता है। आईसीयू के अंदर की इन तस्वीरों पर गौर करें तो यह साफ हो जाता है कि अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही किस कदर है।
मैक्स अस्पताल के अंदर आईसीयू की ये तश्वीरें बयान कर रही है कि हाई प्रोफाइल अस्पतालों में लापरवाही और मनमानी का आलम क्या है। देश के कोने कोने से लोग अपने परिजनों को लेकर धरती के भगवान माने जाने वाले डॉक्टरों के पास आते है लेकिन डॉक्टर पैसे बनाने के लिए मरीजों के जीवन से खिलवाड़ करते है। हैरानी की बात तो ये है कि जब परिजनों ने हंगामा शुरू किया तो देखिए अस्पताल प्रबंधन ने अपने लेटर हेड पर लिख कर दे दिया कि कोई भी मरीज का अटेंडेंट किसी भी हालत में आईसीयू में दाखिल हो सकता है।
परिजनों की माने तो उनके मरीज की मौत अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही की वजह से हुई है। इस बाबत परिजनों ने एक लिखित शिकायत स्वास्थ्य विभाग और गुरुग्राम पुलिस को की है। साथ ही प्रधानमंत्री को ट्वीट कर न्याय की गुहार लगाई है ऐसे में हकीकत तो जांच के बाद ही पता चलेगालेकिन एक बात तो साफ है कि निजी अस्पतालों की मनमानी थमने का नाम नही ले रही है।