सोहना, 25 जून(सतीश): वर्तमान सरकार उद्योग को बढ़ावा देने व उनमें मूलभूत सुविधाएं देने के वादे तो कर रही है लेकिन धरातल पर यह वादे पूरी तरह खोखले साबित हो रहे हैं। सोहना के समीप रोजका औधोगिक क्षेत्र 39 वर्ष बाद भी सीवर, स्ट्रीट लाइट जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहा है। इसके परिणाम स्वरुप अधिकतर उद्योग यहाँ बंद हो चुके हैं व अनेक उद्योग बंद होने के कगार पर हैंl लेकिन किसी ने भी इस ओ ध्यान नहीं दिया।
उद्योगपति कई बार प्रशासन से इसकी गुहार लगा चुके हैं। हालत यह है कि सीवर न होने के कारण कंपनियों को हर महीने 20 लाख से अधिक का नुकसान उठाना पड़ रहा है। वहीं उद्योग क्षेत्र में फायर ब्रिगेड की भी सुविधा नहीं है।
पत्रकरों से बात करते हुए उद्योगपतियों ने बताया कि जब रोजका औद्योगिक क्षेत्र की गई थी। उस दौरान 140 कंपनी आई थी। वहीं 2001 में दूसरे तीसरे फेस के दौरान 450 स्माल इंडस्ट्रीज व 250 बड़ी इंडस्ट्रीज एन.आर.आई. इंडस्ट्रीज आई थी। लेकिन इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं होने के कारण अधिकतर उद्योग पलायन कर गए।
उद्योगपति ने बताया कि करीब 20 साल से इंडस्ट्री में सीवर लाइन नहीं है इसके लिए डिप्टी कमिश्नर, हुड्डा एचएसआईडीसी शिकायत कर ली लेकिन अभी तक क्षेत्र में सीवर लाइन नहीं डाली गई है जिसके चलते उद्योगपतियों को हर महा 40 से 50 लाख रुपए का नुकसान हो रहा है।
काफी समय से उद्योग क्षेत्र में सीवर स्ट्रीट लाइट ई.एस.आई. की गंभीर समस्या है व उद्योगपति ने बताया कि इस समय लाइट के अघोषित कट उद्योगपतियों को काफी नुकसान दे रहे हैं। बिजली की कम वोल्टेज आती है। जिस कारण हर महीने हर उद्योगपति को 20 लाख से अधिक का नुकसान जनरेटर की वजह से हो रहा है। उन्होंने बताया कि क्षेत्र में फायर ब्रिगेड सुविधा नहीं है इस कारण अब तक कई बड़ी बड़ी कंपनियां में बड़े बड़े हादसे हो चुके हैं। कोई हादसा होने पर उन्होंने गुडगांव व नूह से फायर ब्रिगेड बुलानी पड़ती है।