21 जून(नवल सिंह): तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए व ग्रामीण युवाओं में रोजगार के नए अवसर पैदा करने के उदेश्य से वर्ष 2014 में घोषित बहुतकनीकी संस्थान लगभग दो वर्ष पहले बनकर तैयार हो गया था लकिन तकनीकि खामियों की वजह से यहां प्रवेश आरंभ नहीं हो पाए थे। इसके कुछ समय बाद टोहाना के इन्दिरा गांधी महाविद्यालय को यहां स्थानांतरित करने को लेकर लगभग एक वर्ष पूर्व कवायद चली जिसको लेकर ग्रामीणों व शहर में विरोध व समर्थन के स्वर उठे। जो मामला लगातार मीडिया की सुर्ख़ियों बना रहा। वहीं आज जब तीन कॉलेज स्टाफ सदस्यों के यहां पहुचने की सुचना ग्रामीणों को मिली तो उन्होंने राहत की सांस ली। ग्रामीणों ने गांव में पहुंचे स्टाफ को मिठाई खिला कर उनका स्वागत किया।
स्टाफ सदस्य बजाज ने पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि इस पॉलिटेक्निक के लिए ऑन लाईन एडमिशन शुरू हो गए थे अब यह ऑफ लाईन लिए जा रहे है। जिसके लिए यहां पर तीन सदस्य स्टाफ को शिफ्ट किया गया है। यहां सिविल, इैलक्ट्रीक व मैकनिकल में डिप्लोमा को पढाया जाएगा। वहीं ग्रामीणों ने बताया कि उनकी लंबी समय से मांग रही है कि इस बहुतकनीकी संस्थान को शुरू किया जाए। क्योकि गांव ने यह जगह इसी के लिए दी थी पर बीच में कई कारणों से यह विवाद गहराया पर अब वो खुश है कि लंबे समय के बाद उनके संघर्ष की जीत हुई और यह संस्थान शुरू किया जा रहा है। इस संस्थान के आने से उनके बच्चों के लिए तकनीकी शिक्षा के अवसर सुलभ हो जाएंगें। लड़के व लड़कियों को तकनीकी शिक्षा के लिए दूसरे शहरों में नहीं जाना पड़ेगा।