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Ashok Khemka और Yogeshwar Dutt में सरकार द्वारा जारी Notification पर Tweet कर हुए कुछ ऐसे बहस

9 जून।  हरियाणा सरकार द्वारा खिलाड़ियों की कमाई से हिस्सा मांगने के विवाद पर भले ही फिलहाल रोक लग गई हो, लेकिन ये मामला इतनी जल्दी ठंडा होता दिखाई नहीं दे रहा है। हरियाणा सरकार द्वारा जारी इस नोटिफिकेशन के मीडिया में आने के बाद खेल जगत में हलचल मच गई है। जिस पर पहलवान योगेश्वर दत्त ने ट्विटर पर ट्वीट  कर आइएएस अशोक खेमका पर कटाक्ष किया और कहा कि ऐसे अफसरों से भगवान बचाए, उन्होंने इसे तुगलकी फरमान करार किया। वहीं, आइएएस अशोक खेमका भी कहां चुप रहने वाले थे उन्होंने भी इस ट्वीट पर पलटवार करते हुए योगेश्वर दत्त को मर्यादा में रहने की सलाह दे डाली। इसके बाद दोनों ने ट्विटर पर एक दूसरे पर शब्दों से वार करना शुरू कर दिया।
योगेश्वर ने ट्वीट किया- ‘ऐसे अफसर से राम बचाए, जब से खेल विभाग में आए है तब से बिना सिर -पैर के तुग़लकी फ़रमान जारी किए जा रहे हैं। हरियाणा के खेल-विकास में आपका योगदान शून्य है किंतु ये दावा है मेरा इसके पतन में आप शत् प्रतिशत सफल हो रहे हैं। अब हरियाणा के नए खिलाड़ी बाहर पलायन करेंगे और SAHAB आप ज़िम्मेदार।’
इसके बाद अशोक खेमका ने जवाब में लिखा- ‘खेल एवं पुलिस दोनों में शिष्टता शोभित है। इस अधिसूचना के पहले वाणिज्यिक विज्ञापन या व्यवसायिक खेल सरकारी कर्मचारी के लिए निषिद्ध था। आपका क्रोध एवं अपशब्द दोनों ठीक नहीं। 48 दिनों के विलंब के बाद अभी अचानक यह आक्रमक प्रतिक्रिया क्यों?’
योगेश्वर ने भी देर से प्रतिक्रिया करने पर सफाई दी और कहा- ‘मीडिया के माध्यम से आज ये नोटिफ़िकेशन सामने आया है, तब जा कर तो उन खिलाड़ियो को पता चला जिन पर इसका प्रभाव पड़ेगा।इतना बड़ा बदलाव और किसी को ख़बर भी नही।खेल के क्षेत्र से जुड़े हुए लोगो से विचार-विमर्श भी किया जा सकता था।अपनी बात-विचार दृढ़ता से रखना क्रोध-अपशब्द नही होता।’
इसके बाद अशोक खेमका ने योगेश्वर को मर्याद में रहने की नसीहत देते हुए लिखा- ‘तो आपको जानकरी होगी कि कमर्शियल विज्ञापन एवं वाणिज्यिक खेल सरकारी कर्मचारियों के लिए निषिद्ध है। अपनी बात रखिए, लेकिन मर्यादा के साथ।’
इसके बाद योगेश्वर दत्त ने लिखा- ‘2007 से भारत मे सर्वाधिक प्रचलित खेल की सबसे बड़ी league चालू हुयी।सम्पूर्ण देश के खिलाड़ी चाहे किसी राज्य या संस्था के हो, हरियाणा के भी खेलते है ,आज तक उसका संज्ञान नही लिया।किसी को नही बताया गया कि आपके लिए निषिद्ध है।अचानक सिर्फ़ हरियाणा के Olympic sport खिलाड़ियो पर ही क्यूँ’
इसके बाद अशोक खेमका की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। बता दें कि खेमका इस समय हरियाणा खेल विभाग के प्रधान सचिव हैं। नोटिफिकेशन पर उन्हीं के हस्ताक्षर हैं।
सरकार की ओर से जारी नोटिफिकेशन में एक अहम शर्त है। शर्त ये है कि अगर कोई खिलाड़ी प्रोफेशनल खेलता है या फिर कोई विज्ञापन करता है तो उसे कमाई का एक तिहाई हिस्सा या फिर पूरी ही कमाई सरकार को देनी होगी। नोटिफिकेशन के मुताबिक अगर खिलाड़ी इस अवधि के दौरान बिना पगार छुट्टी (लीव विदाउट पे) लेकर विज्ञापन या प्रोफेशन खेलता है तो उसे कमाई का एक तिहाई हिस्सा सरकार को देना होगा। वहीं, अगर खिलाड़ी बिना छुट्टी लिए विज्ञापन या प्रोफेशनल खेलता है तो उसे सारी कमाई सरकार को जमा करवानी होगी। गौरतलब है कि सरकार की ओर से ये नोटिफिकेशन 30 अप्रैल को जारी हो चुका है। जो कि अब मीडिया में आया है।
वहीं, इस फरमान के बाद खिलाड़ियों में बेचैनी बढ़ गई है। प्रदेश का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोशन करने वाले खिलाड़ियों ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। इसके बाद मामले ने तूल पकड़ लिया तो डैमेज कंट्रोल करते हुए सीएम मनोहर लाल ने ट्वीट कर कहा कि फिलहाल, अगले आदेशों तक फैसले पर रोक लगा दी गई है।

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