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हरियाणा के मंत्री ने भूपेन्द्र हुड्डा की मुहिम को अलग दल बनाने की कवायद बताया

चंडीगढ,7जून। हरियाणा के मंत्री कृृष्ण कुमार बेदी ने पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के नेता भूपेन्द्र सिंह हुड्डा की जनक्रांति रथयात्रा और पिछले दौर में की गई किसान-मजदूर व व्यापारी वर्ग की रैलियों के आयोजन की मुहिम को अलग दल बनाने की कवायद करार दिया है।
बेदी ने गुरूवार को यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि हुड्डा जिस ढंग से इन दिनों जनक्रांति यात्रा जैसे कार्यक्रमों में जुटे हुए है उससे साफ है कि वे आने वाले समय में अपना अलग दल बनायेंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में हुड्डा न तो प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक तंवर के साथ है और न ही कांग्रेस विधायक दल की मौजूदा नेता श्रीमती किरण चौधरी के साथ उनकी पटरी बैठती है तो ऐसे में साफ है कि हुड्डा अपना अलग दल बनायेंगे।
सामाजिक न्याय राज्यमंत्री बेदी ने हरियाणा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डाॅ अशोक तंवर के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और मंत्रिमंडल के सदस्यों को फिटनेस चैंलेंज पर कहा कि आज जो तंवर गर्मी में भी साईकिल यात्राएं कर रहे हैं वो भी भाजपा की ही देन है। भाजपा की केन्द्र व राज्य सरकार की नीतियों ने कांग्रेस को आराम की राजनीति छोडकर साईकिल यात्राएं करने को मजबूर किया है। तंवर ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर  व उनके मंत्रिमंडल के सदस्यों को फिटनेंस चैलेंज देते हुए कहा था कि वे उनकी तरह भीषण गर्मी में साईकिल चलाकर दिखाएं। तंवर ने हाल में हरियाणा बचाओ,परिवर्तन लाओ यात्रा के दूसरे चरण का समापन किया है। तंवर ने ट्वीट कर फिटनेस चैलेंज जारी किया था।
हरियाणा में कांग्रेस चुनावी मूड में आ गई है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा प्रदेश की जीटी रोड बैल्ट में जनक्रांति यात्राएं कर रहे है। वे केन्द्र और प्रदेश की भाजपा सरकारों पर प्रहार करते हुए चुनावी वायदे भी कर रहे है। हुड्डा की यह मुहिम कांग्रेस नेतृृत्व पर दवाब बनाने की रणनीति मानी जा रही है। हुडडा अपने समर्थक विधायकों और अन्य समर्थकों के जरिए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का पद सौंपे जाने की मांग उठाते रहे है। लेकिन आला कमान ने अब तक इस मांग को स्वीकार नहीं किया है। हुड्डा जब भी सभाएं करते हैं उनके समर्थक उन्हें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाने की मांग करते है। हरियाणा कांग्रेस में चार गुट साफ तौर पर दिखाई देते है। हालांकि आला कमान के प्रयासों से इन गुटों के नेताओं ने पिछले एक साल से एक-दूसरे के खिलाफ बयान देना बंद कर दिया है।
 

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