12 साल पुराने बहुचर्चित जम्मू सेक्स स्कैंडल मामले में दोषी करार पांच आरोपितों को आज सीबीआई की विशेष अदालत ने सजा सुनाई। मामले में 30 मई को कोर्ट ने बीएसएफ के पूर्व डीआईजी केसी पांधी, तत्कालीन डीएसपी मोहम्मद अशरफ मीर सहित पांच लोगों को दोषी करार दिया था।
वहीं, इस मामले में सोमवार को बचाव पक्ष की तरफ से सजा में नरमी बरती जाने को लेकर रखी गई। दोषी पूर्व बीएसएफ डीआईजी केसी पांधी के वकील ने कहा कि पांधी ने देश के लिए कई आतंकियों के साथ जंग की है और इन्होंने करीब 40 आतंकियों को मारा भी हैं। इसीलिए इनकी सजा पर नरमी बरतने जाए।
दूसरी ओर सरकारी वकील ने कोर्ट को तर्क दिया कि इनको कानूनी व्यवस्था को कायम रखने को लेकर तैनात किया गया था। डीआईजी केसी पांधी को पीडि़ता की सुरक्षा करनी चाहिए थी। इसी तर्क पर सरकारी वकील ने कोर्ट में सभी आरोपितों को सख्त से सख्त सजा सुनाने की अपील की है। जिसके बाद कोर्ट ने फैसला की तारीख 6 जून तय कर दी थी।
बता दे कि इस मामले में मार्च 2006 को श्रीनगर स्थित पुरशियार मोहल्ला निवासी बशीर अहमद को किसी बच्चे ने एक पॉर्न क्लिप देते हुए बताया कि इस क्लिप में उन्हीं के मोहल्ले की रहने वाली एक लड़की है। जिसके बाद वह वीडियो क्लिप समाज सुधार कमेटी को दिया गया और उसकी सीडी बनाकर पुलिस को शिकायत भी दी गई। पुलिस ने जब जांच शुरू की तब पता चला कि सबीना नाम की एक महिला अपने घर पर देह व्यापार चला रही थी और वहीं इस लड़की के साथ दुष्कर्म भी हुआ था। मामले में मुख्य आरोपित पति-पत्नी की मौत हो चुकी है। मामले में जम्मू और कश्मीर के तत्कालीन मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला का नाम भी सीबीआई की चार्जशीट में सामने आया था। इस पर उन्होंने अपने पद से त्यागपत्र भी दे दिया था। लेकिन तत्कालीन गवर्नर एनएन वोहरा ने उनका त्यागपत्र स्वीकार नहीं किया था। हालांकि सीएम होने के कारण उनका नाम जुलाई 2009 में केस से हटा दिया गया था।