6 जून। यमुनानगर के कस्बा साढौरा में एक युवक द्वारा मोबाइल को चार्जिेग पर लगाते समय गाने सुन रहा था लेकिन यही गल्ती उसकी जान पर भारी पड गई। दरअस्ल ठाठ सिंह नामक युवक मोबाइल को चार्जिंग पर लगाकर गाने सुन रहा था जब लाइट नही थी पर अचानक लाइट आई और मोबाइल में ऐसा शार्ट सर्किट हुआ कि मोबाइल का करंट ईरफ़ोन के जरिए ठाठ सिंह के कानों में जा लगा।
यह देखते ही परिवार के लोग उसे सीएचसी साढौरा में ले गए। आरोप है कि यहाँ पर डाक्टरों के पास उसका ईसीजी नही हुआ क्योंकि मशीन खराब थी और ऐसे में डाक्टरों ने प्रयास तो किया लेकिन जब उसकी हालत और बिगड गई तो परिजन उसे यमुनानगर ले जाने की बात कहने लगे। लेकिन आधा घंटा बीत जाने के बाद भी एम्बूलेंस नही मिली आखिरकार उसे निजी गाड़ी में ही डाल कर यमुनानगर लाया गया। लेकिन यहाँ हालात और भी बदतर नजर , जब ट्रामा सैंटर में मरीज को चेक करने के लिए डाक्टर नही बल्कि फोर्थ क्लास आगे आ गया और वहीँ मरीज की ईसीजी करने में लगा रहा।
हालाकि मौजूदा डाक्टर पास तो दिखाई दिए लेकिन वह इसे नही बल्कि किसी और से बातचीत में लगे रहे। कहा यह भी जा रहा है कि ठाठ सिंह की मौत पहले ही हो चुकी थी लेकिन सवाल यह है कि अगर इसकी मौत हो भी गई थी तो क्या मौजूद डाक्टर को इसे चेक करना जरूरी नही था। क्या फोर्थ क्लास इन सब बातों को जानते है कि मरीज की हालत इस कदर हो तो उसे क्या इलाज देना है। स्वास्थ्य विभाग की इन सेवाओं को देखने के बाद ग्रामिण जरूर गुस्से में थे और वह इस पूरे मामले में यहाँ मोबाइल कंपनी को जिम्मेदार ठहरा रहे है तो वहीँ इसी मामले में वह उतना ही कसूरवार स्वासथ्य विभाग को भी ठहरा रहे हैं। अगर समय रहते ठाठ सिंह को पूर्ण रूप से इलाज मिल जाता तो शायद वह इस दुनिया में होता।