Sunday , 24 November 2024

हरियाणा के मुख्यमंत्री व मंत्रियों के कार्यक्रमों का विरोध 16 अगस्त से – यशपाल मलिक

रोहतक ,2जून। जाट आरक्षण का मुद्दा अभी सुप्रीम कोर्ट और पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट में अटका है। अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति की राय में सरकार द्वारा असरदार पैरवी न करने के कारण जाट आरक्षण के पक्ष में फैसला नहीं हो पा रहा। हरियाणा के रोहतक जिले के जसिया में शनिवार को आयोजित जाट महासम्मेलन में इस स्थिति के लिए सरकार को जिम्मेदार मानते हुए रोष प्रकट किया गया और आरक्षण आंदोलन को देशव्यापी बनाने का फैसला किया गया।

 

महासम्मेलन में जो रणनीति तय की गई उसके अनुसार आगामी 15 जून से 15अगस्त तक हरियाणा में जिला सम्मेलन आयोजित कर पिछडे,दलित व किसान संगठनों को जोडा जाएगा और आंदोलन की जिलेवार जिम्मेदारी तय की जाएगी। जिला स्तर पर सम्मेलन से पहले गांव,हल्का,ब्लाॅक और तहसील स्तर पर भी कार्यक्रम आयोजित किए जायेंगे। संघर्ष समिति इस तरह आंदोलन के लिए जनाधार जुटायेगी। इस जनसमर्थन से आगामी 16अगस्त से हरियाणा के मुख्यमंत्री और मंत्रियों के कार्यक्रमों का विरोध किया जाएगा। जहां भी मुख्यमंत्री और मंत्रियों के कार्यक्रम होंगे वहां धरना दिया जाएगा। मांगें पूरी किए जाने तक विरोध का यह सिलसिला कायम रहेगा। यह भी तय किया गया कि यदि भाजपा का कोई राष्ट्रीय स्तर का कार्यक्रम इससे पहले हरियाणा में आयोजित किया गया तो विरोध उसी समय शुरू कर दिया जाएगा।

 

जसिया महासम्मेलन में आंदोलन की यह रणनीति तय करने के साथ ही केन्द्र व हरियाणा सरकारों से यह मांग की गई कि सुप्रीम कोर्ट में सही तथ्य रखकर जाट आरक्षण पर लगाई गई रोक हटवाई जाए,पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में सामाजिक पिछडेपन के आंकडे पेश कर आरक्षण लागू करवाया जाए और संसद के आगामी सत्र में राष्ट्रीय सामाजिक व शैक्षिक पिछडा वर्ग आयोग विधेयक पारित करवाया जाए। महासम्मेलन के जरिए यह चेतावनी भी दी गई कि भविष्य में जाट आरक्षण आंदोलन को देशव्यापी रूप दिया जाएगा। राजस्थान व मध्यप्रदेश के आगामी दिसम्बर में आयोजित विधानसभा चुनावों में जाट समुदाय के खिलाफ अन्याय को मुद्दा बनाया जाएगा। इसी तरह आगामी लोकसभा चुनाव में भी जाट समाज के साथ अन्याय का मुद्दा उठाया जाएगा। अन्य पिछडा वर्ग के लिए आंदोलन कर रही पटेल,मराठा,कापू आदि जातियों को भी आंदोलन की रणनीति से जोडा जाएगा।

 

 

महासम्मेलन में संघर्ष समिति के हरियाणा के जिलाध्यक्ष,प्रदेश पदाधिकारी,उत्तर प्रदेश,दिल्ली,राजस्थान,मध्यप्रदेश व पंजाब के पदाधिकारियों ने भी हरियाणा में आंदोलन को ताकत देने और केन्द्रीय स्तर पर चलाए जाने वाले आंदोलन में भागीदारी का भरोसा भी दिया। सभी राजनीतिक दलों से जाति-धर्म के आधार पर बांटने वाली भाजपा सरकार के खिलाफ संसद व विधानसभा में आवाज उठाने की अपील की जायेगी। महासम्मेलन को संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मलिक ने संबोधित किया। मलिक ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 26मार्च 2015 को जाटों को आरक्षण देने का वायदा किया था लेकिन इस वायदे को पूरा नहीं किया गया। इस वायदाखिलाफी से जाट समुदाय नाराज है और आंदोलन के लिए किसी भी सीमा तक जाने को तैयार है। उन्होंने कहा कि फरवरी 2016 के जाट आरक्षण आंदोलन में हिंसा की योजना हरियाणा की भाजपा सरकार ने अपने सांसद,विधायक और मंत्रियों द्वारा अमल में लाई गई और पूरे हरियाणा को जाट व गैर जाट में बांट दिया गया। मलिक ने इस साजिश में सांसद राजकुमार सैनी,अश्विनी चैपडा,मंत्री कैप्टेन अभिमन्यु,ओम प्रकाश धनखड और रोहतक के विधायक मनीष ग्रोवर का शामिल होना बताया।

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