चंडीगढ,30मई। हरियाणा के पिंजौर स्थित हिन्दुस्तान मशीन टूल्स की ट्रैक्टर इकाई अर्सें से बन्द है। हरियाणा सरकार ने इसके खाली परिसर में औद्योगिक हब बनाने पर विचार शुरू किया है। राज्य सरकार इसके लिए जमीन खरीदने की इच्छुक है। केबिनेट की यहां बुधवार को हूई बैठक में फैसला किया गया कि एचएमटी की करीब 500 एकड जमीन एचएसआईआईडीसी खरीदेगी। केबिनेट ने राज्य कर्मचारियों की सेवानिवृृति आयु 58 वर्ष ही रखने का फैसला किया। सफाई कर्मचारी आयोग में होगा उपाध्यक्ष का पद। विधायकों की पेट्टी ग्रांट तीन लाख से बढाकर सीधे 15 लाख की गई। सेवानिवृति आयु बढाने के बजाय पुनर्नियुक्ति देने का फैसला किया गया। अनुसूचित जाति आयोग को लाया जाएगा संवैधानिक दर्जे मे।
एचएमटी के इस परिसर में औद्योगिक एस्टेट बनाने का विचार तब आया जबकि अदालत से बाहर इसकी जमीन के पुनर्ग्रहण प्रस्ताव पर समझौता किया गया। केन्द्रीय भारी उद्योग मंत्रालय और राज्य सरकार के बीच हुए समझौते के अनुसार ट्ेक्टर इकाई की 440 एकड जमीन दो दरों पर खरीदी जायेंगी। औद्योगिक एस्टेट स्थापित करने के योग्य जमीन को मौजूदा कलक्टर रेट पर खरीदा जायेगा। बाकी अनुपयोगी जमीन अनुमानित कीमत पर खरीदी जायेगी।
पंजाब ने 1962 में पिंजौर में मशीन उपकरण बनाने का कारखाना लगाने के लिए केन्द्र सरकार को 839 एकड जमीन दी थी। इसके साथ ही यह समझौता भी किया गया था कि कारखाना बन्द करने या बाहर ले जाने पर जमीन वापस लौटाई जायेगी। लेकिन एचएमटी की ट्रैक्टर इकाई इस जमीन से कम जमीन पर स्थापित की गई। करीब 446 एकड जमीन खाली रही। बाद में इस इकाई को लगातार घाटे का सामना करना पडा। इसे हानि-लाभ रहित ढंग से चलाना यहां तक कि वेतन भुगतान भी मुश्किल हो गया। केन्द्र सरकार ने घडी और ट्रैक्टर इकाइयों को बंद करने का ऐलान किया तो राज्य सरकार ने भूमि वापस लौटाने का नोटिस जारी कर दिया। इसे अदालत में चुनौती दी गई। अदालत के बाहर किए गए समझौते के तहत राज्य सरकार जमीन की कीमत अदा करेगी और इससे कर्मचारियों के वेतन का भुगतान किया जाएगा।
केबिनेट फैसले के अनुसार एचएसआईआईडीसी एचएमटी की उपयोग जमीन का भुगतान 62 लाख रूपए प्रति एकड के हिसाब से और अनुपयोग जमीन का 60 लाख रूपए एकड की दर से करेगी।