चंडीगढ,22मई। हरियाणा सरकार ने मंगलवार को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट की बेंच को आश्वस्त किया कि अगली सुनवाई तक जाट आरक्षण आंदोलन के मुकदमे वापस नहीं लिए जायेंगे। हाईकोर्ट में अगली सुनवाई जुलाई मध्य में रखी गई है।
हाईकोर्ट द्वारा फरवरी 2016 के जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान दर्ज किए गए मुकदमे वापस लेने के राज्य सरकार के फैसले पर स्वयं संज्ञान लेकर सुनवाई कर रहा है। न्याय सहयोगी वरिष्ठ एडवोकेट अनुपम गुप्ता ने मुकदमे वापस लेने के राज्य सरकार के फैसले पर आपत्ति व्यक्त की। इस पर हरियाणा के महाधिवक्ता बीआर महाजन ने हलफनामा पेश किया कि आगामी जुलाई मध्य तक मुकदमे वापस नहीं लिए जायेंगे।
फरवरी 2016 में हिंसक जाट आरक्षण आंदोलन के बाद राज्य सरकार ने 2105 एफआईआर दर्ज कराई थीं। अनुपम गुप्ता ने कहा कि इनमें से 407 एफआईआर सरकार वापस लेना चाहती है। इनमें से 129 एफआईआर राज्य सरकार द्वारा पूर्व पुलिस महानिदेशक प्रकाश सिंह के नेतृृत्व वाली कमेटी ने गंभीर बताई थीं। जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान हुई हिंसा को रोकने में अधिकारियों की भूमिका का पता लगाने के लिए प्रकाश सिंह कमेटी का गठन किया गया था।
पिछले फरवरी माह में हरियाणा सरकार ने मुकदमे वापस लेने के मुद्दे पर जाट नेताओं के साथ वार्ता की थी। जाट नेताओं ने मुकदमे वापस न लेने पर उस समय भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की जींद रैली के समानान्तर रैली के आयोजन की धमकी दी थी। कई दौर की वार्ता के बाद जाट नेताओं ने समानान्तर रैली आयोजन की योजना वापस ले ली थी।