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होमगार्ड जवानों का चंडीगढ में धरना रोकने के लिए केन्द्र शासित प्रदेश की पुलिस ने बहाने गढ लिए

चंडीगढ,21 मई। हरियाणा के होमगार्ड जवानों का चंडीगढ में धरना रोकने के लिए केन्द्र शासित प्रदेश की पुलिस ने बहाने गढ लिए। चंडीगढ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कार्यालय ने धरने की पूर्व सूचना न मिलने का बहाना तो बनाया ही साथ ही शहर में धारा 144 यानि निषेधाज्ञा लागू होने का भी हवाला दिया।

 

 

इस धरने को रोकने का जो एकमात्र कारण सामने आया है वह यह कि चंडीगढ पुलिस द्वारा पिछले 27 अप्रेल को आंदोलनरत होमगार्ड जवानों पर लाठीचार्ज किया गया था और इस दौरान जवानों के हाथों में मौजूद तिरंगे का अपमान भी किया गया था। नेशनल होमगार्ड एसोसिएशन सोमवार से शहर के सेक्टर 25 स्थित रैली मैदान पर शुरू किए जाने वाले अनिश्चितकालीन धरने के जरिए तिरंगे का अपमान करने वाली चंडीगढ पुलिस के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी करने वाले थे। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार समान काम के लिए समान वेतन देने की मांग हरियाणा सरकार से की जा रही है।

 

 

 

नेशनल होमगार्ड एसोसिएशन के चेयरमेंन अविनाश सिंह शर्मा ने पत्रकारों को बताया कि सोमवार से शुरू किए जाने वाले धरने की सूचना विधिवत रूप से 18 मई 2018 को चंडीगढ़ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कार्यालय को विधिवत रूप से दी गई थी । इसका प्रात्पि प्राप्ति नंबर 9808 दर्ज किया गया और इस पर मोहर लगाई गई है। लेकिन 20 मई 2018 को रात्रि साढे 11 बजे वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक चंडीगढ़ ने लिखित पत्र नंबर 7585 भेजकर बताया कि धरने की लिखित़ कार्यालय को नहीं दी गई है। शहर मे धारा 144 लगी है। शर्मा ने पुलिस की इस दलील को खारिज करते हुए कहा कि शहर के अंदर भाजपा के मंत्री और सासंद और कांग्रेस के नेता पवन बंसल रैली कर रहे है तो धारा 144 कहां लगी है। उन्होंने कहा कि सरासर ही यह दोहरी नीति है। चंडीगढ़-पुलिस लोकतात्रिक दौर में भी तानाशाही दिखा रही है। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ पुलिस ने पिछले 27 अप्रैल को चंडीगढ़ के सेक्टर 28 में हाथों में तिरंगा लिए होमगार्ड जवानो पर लाठीचार्ज किया था और तिरंगा हाथों से छीन कर जमीन पर गिराया था। तिरंगे के अपमान और जवानों के साथ मारपीट करने वाले पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई एवं 2015 के सुप्रीम कोर्ट के समान कार्य के लिए समान वेतन देने के आदेश की पालना हरियाणा सरकार से कराने के लिए यह धरना आयोजित किया जाने वाला था।

 

 

 

अविनाश सिंह शर्मा ने कहा कि हरियाणा सरकार एवं चंडीगढ़ पुलिस प्रशासन ने मिलकर हरियाणा के 14025 होमगार्ड जवानों की आवाज को दबाने का प्रयास किया है। तिरंगे का अपमान करने वाले जवानों पर कोई कार्रवाई नहीं करके चंडीगढ़ पुलिस प्रशासन ने अपमान में अपनी सहमति को दर्शा दिया है। एसोसिएशन इस तानाशाही को बर्दाश्त नहीं करेगा । एसोसिएशन के महामंत्री कमल किशोर शर्मा ने कहा कि चंडीगढ़ पुलिस ने तिरंगे का अपमान करके राष्ट्रद्रोह किया है। हरियाणा सरकार ने 2015 के सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना न करके न्यायालय की अवमानना की है। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा देने वाली हरियाणा सरकार महिला होमगार्ड जवानों को गर्भवती अवस्था में मातृत्व अवकाश भत्ता नहीं दे रही है। उन्होंने कहा कि इस रवैये के खिलाफ और मजबूत आंदोलन की रणनीति जल्दी ही तय की जायेगी।

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