Sunday , 24 November 2024

फूलों की खेती अपना कर ग्रामीणों के किए बना प्रेरणा स्त्रोत

सिरसा के गांव झोपड़ा के एक किसान अजय कंबोज ने देश के लिए मिसाल पेश की है। किसान अजय कुमार ने परम्परागत खेती को त्याग कर फूलों की खेती शुरू की है जोकि पिछले 4 सालों से फूलों की खेती कर रहा है। तीन महीने की बिजाई में अजय कंबोज लाखों रुपये कमा लेता है। अजय कंबोज ने परम्परागत खेती त्यागने के बाद फूलों की खेती से 5 गुना अपनी आमदन बढ़ा ली है। इसके इलावा गांव में भी इसी खेती के माध्यम से उसने अपनी एक विशेष पहचान भी कायम की है। उसके खेतों के फूलों से अब दिल्ली व पंजाब तक शादी समारोह के मंडप सजते हैं। वहीं अजय कुमार परम्परागत खेती पर आधारित किसानों के लिए प्रेरणास्त्रोत भी बना है। बता दे कि फूलों की खेती केवल तीन महीने की होती है, लेकिन अजय कुमार अपनी मेहनत से पूरे साल की कमाई तीन महीने में अच्छी खासी कर लेता है।

अजय कुमार के पास सिर्फ 7 एकड़ जमीन है। जिसमें 4 साल पहले वह परम्परागत खेती करता था। लेकिन उसे इस खेती से ज्यादा आमदन नहीं होती थी, लेकिन फूलों की खेती करने से उसकी आमदनी 5 गुना बढ़ गई है। कृषि वैज्ञानिकों की सलाह लेकर किसान अजय कुमार पूसा अनुसंधान केंद्र दिल्ली से फूलों की वैरायटी लाया था। लेकिन अब उसके खेतों में लगने वाले फूलों का कारोबार दिल्ली व पंजाब तक फैला है। हालांकि पहले उसने 2 कनाल में गेंदा व मैगरेटा फूलों के पौधे उगाए। अच्छी आमदन होने लगी, तो अब वह तीन एकड़ में फूलों की खेती करता है। सालाना उसको प्रति एकड़ 10 लाख की आमदन होती है।

एक अन्य किसान का कहना है कि परम्परागत खेती आज के युग में घाटे का सौदा बन गया है जिस कारण किसानों पर कर्जा चढ़ जाता है और वो कर्जे से परेशान होकर आत्महत्या कर लेते है।

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