Sunday , 24 November 2024

सरपंच और ग्रामीणों ने देश की कानून प्रणाली को किया चैंलेज

एक तरफ देश की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट द्वारा खाप पंचायतों के फरमानों के खिलाफ सख्त आदेश जारी किए हुए हैं, ताकि कोई भी पंचायत भारतीय संविधान या कानून के खिलाफ कोई प्रस्ताव पारित न कर सके। वहीं इसके विपरीत दोराहा के गांव चणकोइयां खुर्द की पंचायत एवम गांववासियों ने सर्वसमति से संविधान विरोधी तुग़लकी फ़रमान जारी किया है इसी के साथ साथ समाज में फैली कुरीतियों को दूर करने के लिए भी एक प्रस्ताव पास किया है, जहां गांववासी इसे गांव की बेहतरी के लिए उठाया हुआ कदम बता रहे है वही हल्का विधायक इसे गांववासियो का निजी मामला बता रहे है ओर कानून से विपरीत न जाने की नसीहत भी दे रहे है ।

खन्ना के नजदीक विधानसभा हल्का पायल के गांव चानकोईया खुर्द में लड़के द्वारा पड़ोस में रहती लड़की से लव मैरिज के बाद पैदा हुए तनाव को लेकर गांववासियों ने सर्वसमति से एक ऐसा फरमान जारी कर दिया, जिसने देश की कानून प्रणाली को चैंलेज करके रख दिया है वहीं इससे संविधान की धज्जियां भी उड़ी हैं जिसे लेकर प्रशासन बह बेख़बर नज़र आरहा है वहीं गांव के नौजवानों समेत सभी लोगों ने इसे एक अच्छा कदम करार दिया है। जानकारी के अनुसार गांव में एक लड़का पड़ोस में रहती लड़की से लव मैरिज ली। जिस से उनके गांव में आने पर विवाद खड़ा हो गया। जिस पर गांव के अधिकारित पंच हाकम सिंह, जोकि सरपंच का कार्यभार देख रहे हैं सहित गांव के गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान, पूर्व सरपंच, क्लब प्रधान और गणमान्य लोग 29 अप्रैल को गुरुद्वारा साहिब में इकट्ठे हुए। सभी ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर दिया कि कोई भी व्यक्ति जो अपनी मर्जी से शादी कराएगा तो गांव की तरफ से उसका सामाजिक तौर पर बहिष्कार किया जाएगा। लव मैरिज कराने वाले से कोई भी संबंध रखने वाले और इन्हें किसी भी प्रकार का सामान देने वाले दुकानदार का भी बहिष्कार होगा। प्रस्ताव की उल्लंघना करने वाले को गांव की संयुक्त जगह प्रयोग करने का अधिकार नहीं होगा। जो ऐसे परिवारों से संबंध रखेगा, उस पर भी यही शर्तें लागू होंगी। प्रस्ताव से मुकरने वाला भी सजा का हकदार होगा। प्रस्ताव के नीचे बकायदा सभी ने हस्ताक्षर भी किए। दूसरी तरफ पुलिस ने माहौल देखते हुए लव मैरिज कराने वाले जोड़े को गांव से बाहर भेज दिया। उधर गांव के लोगों ने कहा कि लव मैरिज से जहां सामाजिक रिश्ते तार तार हो रहे थे, वहीं गांव का माहौल खराब हो रहा था। पंचायत का फैसला सराहनीय है। इसे कानूनी तौर पर भी मान्यता मिलनी चाहिए, ताकि आगे से कोई भी ऐसा गलत काम करने से पहले सौ बार सोचे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *