चंडीगढ़, 6 मई- हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने रावी नदी में देश के हिस्से का पानी जो पाकिस्तान में बहकर जा रहा है, उसके सदुपयोग और प्रबंधन के संबंध में पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को एक पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि हरियाणा, पंजाब व अन्य राज्य पानी का संकट झेल रहे हैं और हमारे देश की विभिन्न नदियों का भारत के हिस्से का पानी पाकिस्तान में चला जाता है, इसलिए हमें इस पानी को रोकने का प्रयास करना होगा।
मुख्यमंत्री ने यह जानकारी पत्रकार सम्मेलन के दौरान दी। उन्होंने पत्रकारों को प्रश्नों का उत्तर देते हुए कहा कि उनके विदेश दौरे से लौटने तक पंजाब के मुख्यमंंत्री से पत्र का उत्तर आ जाएगा। उन्होंने बताया कि रावी के पानी को रोकने के लिए हमारे द्वारा कदम उठाया गया है और इसमेें सभी का लाभ है, फिर भी हो सकेगा तो केन्द्र सरकार को भी इसमें कदम उठाने के लिए कहा जाएगा। उन्होंने एक पत्रकार को उत्तर देते हुए कहा कि समय-समय पर काल और परिस्थितियां बदल जाती है और आज के दिन पानी आवश्यकता सभी की है।
मुख्यमंत्री द्वारा लिखे गए पत्र के अनुसार ‘‘हमारे राज्यों में पानी का संकट के संबंध में रिपोर्टे आई हैं और हरियाणा व पंजाब के कई खंडों में पानी का स्तर गिर रहा है और इस कारण से कृषि के क्षेत्र में लगे मेहनतकश किसानों को दिक्कत का सामना हो रहा है। पत्र के अनुसार उन्होंने कहा कि अब वह समय आ गया है कि दोनों राज्यों को परस्पर सहयोग करके रावी के व्यर्थ में बहकर पाकिस्तान जाने वाले पानी को रोकेेेंगे। इस संबंध में 23 अप्रैल, 2012 को नई दिल्ली में केन्द्र जल आयोग की बैठक हुई जिसमें सतत आधार पर 0.58 एमएएफ के समान न्यूनतम प्रयोगिक पानी का आंकलन किया गया था। इस बैठक में धर्मकोट से हरिके हैड तक क 2.0 से 2.5 मीटर ऊंचा एक ढांचा तैयार करने का निर्णय लिया गया। इस पर केन्द्र सरकार ने सभी संबधित राज्यों को भाखडा व्यास प्रबंधन बोर्ड को इस परियोजना की व्यवहार्रता के अध्ययन की संभावना के लिए लगाया और पंजाब सरकार ने इस बैठक में लिए गए निर्णय पर कार्यवाही शुरू की। लेकिन फिर भी अब तक कोई प्रगति नजर नहीं आ रही है। इसलिए अभी भी यह पानी पाकिस्तान में जा रहा है। इसलिए देश के कीमती पानी को तुरंत रोका जाना चाहिए और इस पानी को संबंधित राज्यों के लोगों हेतु प्रयोग में लाया जाना चाहिए। इसलिए उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि इस कार्य के लिए अपने राज्य के सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दे। उन्होंने पत्र में बताया कि इस संबंध में उन्होंने हरियाणा राज्य के सिंचाई विभाग के प्रधान सचिव व मुख्य सचिव को निर्देश दिए हैं। वे इस बारे में एक बैठक करेंगे ताकि इस प्रस्ताव को क्रियान्वित किया जा सके, जिसे भारत सरकार द्वारा एक राष्ट्रीय परियोजना पहले ही घोषित की जा चुकी है’’।