बीजेपी कार्यालय बनाने के लिए फतेहाबाद में 2400 गज जगह पर करीब 100 से अधिक झुग्गी-झोंपड़ियों में रह रहे गरीब परिवारों को बेघर किए जाने का मामला सामने आया है। हुडा विभाग द्वारा इन परिवारों को बिना किसी नोटिस के ही हटाया गया है। हुड्डा के एस्टेट ऑफिसर सुमित खनगवाल अपनी टीम, स्थानीय नगर परिषद के अधिकारी और पुलिसबल के साथ मौके पर गए और पुलिसबल की मदद से गरीब परिवारों का सामान बिखेर दिया। वहीं पीडित गरीब परिवारों का कहना है झुग्गी झोपड़ियां तोड़ने आए अफसरों ने बताया कि इस जगह पर बीजेपी का ऑफिस बनाया जाएगा इसलिए यह जगह खाली करवाई जानी है।
प्रभावित परिवारों के सदस्य राजाराम, सेवा देवी, रामू ने बताया कि वे पिछले करीब 30 साल से इस जगह पर अपनी झुग्गी-झोंपड़ियां बनाकर रह रहे हैं। इसके बाद अब अचानक अफसरों ने रात को आकर कहा है कि जगह खाली करो यहां बीजेपी का ऑफिस बनेगा। उक्त लोगों ने कहा कि उनके पास यहां के आधार कार्ड बने हैं, यहां के वोट हैं और हमसे नेता वोट मांगने भी आते हैं। बीजेपी गरीबों को घर बनाकर देने की बात कहती है लेकिन यहां तो बीजेपी ने अपना ऑफिस बनाने के लिए हम गरीबों के घर ही उजाड़ दिए। परेशान परिवार के एक सदस्य ने कहा कि गरीबों के लिए इस देश मे जगह नहीं है तो हमें जहर देकर मार दिया जाए, यहां फिर सिर्फ अमीर लोग ही रह लेंगे। परिवारों के चेहरे पर गुस्सा भी दिखा तो लाचारी भी, लेकिन शायद बीजेपी की ओर से कार्रवाई करने गए अफसरों को इनमें कुछ भी नहीं दिखा। हां, बीजेपी के जिला प्रधान और फतेहाबाद के डीसी अब मामला मीडिया में आने पर यह जरूर कह रहे हैं कि इन परिवारों को आशियाना उजड़ा है तो सरकार की किसी स्कीम के तहत इन परिवारों के आशियाने बसाए जाएंगे, लेकिन सवाल यही है कि बीजेपी के पदाधिकारी क्या सड़क पर बैठे हैं जो इन परिवारों की झोंपड़ियां ही उजाड़ दी गई, उजाड़ने से पहले ही इन परिवारों को आशियाना देने के प्रयास क्यों नहीं किये गए?