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पाठ्यक्रम से सिख इतिहास निकाले जाने के मुद्दे पर नेता प्रतिपक्ष सुखपाल खैहरा ने श्वेतपत्र जारी करने की मांग की

MLA from Bholath Sukhpal Singh Khaira. Express photo

चंडीगढ,1मई। पंजाब की राजनीति में जहां अब तक किसानों की कर्ज माफी और कर्ज के कारण मौजूदा कैप्टेन अमरिंदर सिंह सरकार के कार्यकाल में 280 से अधिक किसानों के आत्महत्या का मुद्दा गरमाया हुआ था लेकिन अब पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड के कक्षा बारह के पाठ्यक्रम से सिख इतिहास को निकाले जाने के मुद्दे पर सियासत गरमाई हुई है। इस मुद्दे पर नेता प्रतिपक्ष और आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता सुखपाल खैहरा ने अमरिंदर सिंह सरकार से श्वेतपत्र जारी करने की मांग की है।

 

खैहरा ने अपने ट्वीट में कहा कि राज्य सरकार को कक्षा बारह के पाठ्यक्रम से सिख इतिहास को निकाले जाने के मुद्दे पर श्वेतपत्र जारी करना चाहिए। साथ ही यह भी साफ करना चाहिए कि पाठ्यक्रम हटाने के मामले में पिछली अकाली दल की सरकार की क्या भूमिका थी।

 

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंह ने पाठ्यक्रम से सिख इतिहास हटाए जाने के मुद्दे पर कहा कि एक कमेटी की सिफारिश पर कक्षा बारह के पाठ्यक्रम से सिख इतिहास को हटाकर कक्षा ग्यारह के पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है। इस कमेटी में शिरोमणि गुरूद्वारा कमेटी का प्रतिनिधि भी शामिल था। साथ ही पाठ्यक्रम में बदलाव की प्रक्रिया पिछली सरकार के दौरान ही शुरू की गई थी। लेकिन अकाली दल ने मुख्यमंत्री के इस जवाब को खारिज कर दिया है। अकाली दल के नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखवीर बादल ने कहा कि मुख्यमंत्री दिखायें कि कक्षा ग्यारह की पाठ्यपुस्तकों में सिख इतिहास को कैसे रखा गया है। सुखवीर बादल ने सोमवार को अमरिंदर सिंह सरकार को सिख इतिहास को पाठ््यक्रम में शामिल करने के लिए तीन दिन का अल्टीमेटम दिया है।

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