चंडीगढ़, 30 अप्रैल: पंजाब सरकार उन किसानों को मुआवजा देने के लिए तात्कालिक रुप से जागरुक प्रतिबद्ध है जिनकी गेंहू की फसल आग से नष्ट हो चुकी है। एफसीआर पंजाब श्रीमती विन्नी महाजन ने गंभीरता लेते हुए कहा की राज्य में अलग अलग स्थानों पर गेहूं की फसल के हुए नुकसान पर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (पीएसपीसीएल) और राजस्व विभाग को निर्देश दिया कि वे तुरंत नुकसान का आंकलन करें और मुआवजे दें।
हिदायतों के अुसार राजस्व विभाग उस गेहूं के नुकसान का मुआवजा दे रहा है जो आग व इलैक्ट्रिकल शाट सर्किट के कारण हुआ है। विभाग ने मानसा और तरनतारन जिले के मामलों में 220 कनाल में के लिए 30.0 लाख रुपये के मुआवजे को मंजूरी दे दी है। इसके अलावा 15 जिलों में 550 एकड़ भूमि को पहुंचे नुकसान के मामलों में प्रक्रिया चल रही है जिसमें 46 लाख रुपये से अधिक की मंजूरी शामिल है। उन्होंने आगे बताया कि अज्ञात कारणों से होने वाली आग के कारण फसल को नुकसान पहुंचाने के मामले में प्रति एकड़ 8000 रुपये के मुआवजे को मुआवजा दिया जाता है।
एफसीआर ने कहा कि जिलाधीशों को उन क्षेत्रों के आकंलन करने का निर्देश दिया गया है जहां गेहूं की फसल को नुकसान की रिपोर्ट प्राप्त हुई है ताकि शेष मामलों में मुआवजे का वितरण जल्द से जल्द किया जा सके। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आग के कारण नुकसान झेलने वाले किसानों की क्षतिपूर्ति के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
प्रधान सचिव स्थानिय निकाय विभाग ए वेणुप्रसाद, जिनके पास पीएसपीसीएल के चेयरमैन कम एमडी का भी चार्ज है ने बताया की पीएसपीसीएल जो शाट सर्किट या स्पार्किग के कारण आग के कारण फसलों के नुकसान की क्षतिपूर्ति करता है। मुआवजे की दर 8000 प्रति एकड़ है जहां नुकसान 75त्न से अधिक है ।वहीं जहां नुकसान 50त्न से अधिक है लेकिन 75त्न से ज्यादा न हो वहां 4800 रुपये प्रति एकड़ है। जहां नुकसान 25त्न से अधिक है लेकिन 50त्न से ज्यादा नहीं है वहां 3200 रुपये प्रति एकड़ है। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय कार्यालयों से 27 अप्रैल, 2018 तक प्राप्त रिपोर्टों के मुताबिक मुआवजे का भुगतान पीएसपीसीएल द्वारा 243 एकड़ के लिए किया जाना है जो 19.44 लाख रुपये बनता है । इस राशि की मंजूरी हो चुकी है और बांटने की प्रक्रिया जारी है।