फतेहाबाद में हुडा चौकी पुलिस द्वारा 15 अप्रैल को दर्ज किए गए गैंबलिंग एक्ट के एक मामले में गिरफ्तार भाजपा नेता सहित छह लोगों के खिलाफ की गई कार्रवाई का मामला एक सीसीटीवी फुटेज सामने आने के बाद संदिग्ध हो गया है। सीसीटीवी फुटेज और पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफएआईआर और सिटी थाना के एसएचओ द्वारा मामले में मीडिया को दी गई जानकारी में इतना विरोधाभास है कि जुआ पकड़ने को लेकर रेड करने गई पूरी की पूरी पुलिस टीम की भूमिका पर सवाल खड़े हुए हैं। सामने आए सीसीटीवी फुटेज में साफ दिखाई दे रहा है कि पुलिस ने एक गली में बने ऑफिस में रेड करके आरोपी गिरफ्तार किए जबकि सिटी थाना के एसएचओ सुरेंद्र कंबोज ने मीडिया को दी गई जानकारी में बताया कि आरोपी गली में सार्वजनिक तौर पर जुआ खेल रहे थे सभी को रंगे हाथ पकड़ा गया जबकि सीसीटीवी फुटेज में पुलिस के इस झूठ को बेनक़ाब करती हुई हैरान कर देने वाली तस्वीर यह सामने आई कि पुलिस ने आरोपी गली से नहीं एक आफिस में रेड करके पकड़े।
पुलिस मौके पर भाजपा नेता सहित छह लोगों को 2 प्राइवेट गाड़ियों में लेकर जाती है। पुलिस की भूमिका संदिग्ध होने का सीसीटीवी में दूसरा सबूत ये सामने आया है कि रेड के दौरान गिरफ्तार 6 आरोपियों के अलावा पुलिस ने आफिस में मौजूद करीब 6-7 लोगों को मौके पर ही छोड़ दिया। पुलिस द्वारा प्राइवेट 2 गाड़ियों में 6 आरोपियों की लेकर जाने के कुछ मिनट बाद पुलिस की एक पीसीआर मौके पर आती है और पीसीआर में सवार तीन पुलिसकर्मी ऑफिस के अंदर जाकर कुछ सेकेंड में ही वापस बाहर आते हैं और वापिस पीसीआर में सवार होकर चले जाते हैं। पुलिस पीसीआर जाने के बाद फिर 2 पुलिसकर्मी आफिस में जाते हैं और ऑफिस में मौजूद अन्य 6-7 लोग पुलिसकर्मियों के साथ ही बाहर निकलकर अपने-अपने बाइक पर सवार होकर मौके से निकल जाते हैं और इन लोगों पर पुलिस की कोई कार्रवाई नहीं होती।