रेलवे स्टेशन पर यात्रियों का सामान ढो रही यह महिला कोई और नहीं बल्कि महिला कुली है जो अपना वा अपनी तीन बेटियों का पेट पालने के लिए यह काम करने के लिए मजबूर हुई है। इस महिला कुली की माने तो पति की मौत के बाद इसे और कुछ नजर नहीं आया और मजबूरन इसे अपने पति के पुराने काम को ही अपनाना पड़ा। वही अंबाला रेलवे स्टेशन पर काम करने वाले अन्य कोई भी महिला होने के नाते भारी सामान में किसका हाथ बढ़ाते हैं और ट्रेन के डिब्बे से लेकर यात्री का सामान ढोने में इसकी खूब मदद करते हैं।
इस महिला कुली का कहना है कि सरकार बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की बात तो करती है लेकिन उसे इस नारे से कोई लेना-देना नहीं है वह लोगों का रोज बोझ उठाकर उससे मिलने वाले पैसे से अपना ओर अपने बच्चों का पेट पाल रही है।