जहाँ एक ओर ओवरलोड वाहनों को बंद करने के लिए प्रशासन ने ओवरलोड वाहनों से सख्ती से निपटने के लिए टीम गठित की थी। लेकिन प्रशासन की लापरवाई की वजह से इंद्री की अनाज मंडी में ओवरलोड वाहन धड़ल्ले से चल रहे है। आपको बता दे की कुछ दिन पहले ही करनाल की अनाज मंडी में भी ओवरलोड वाहन धड़ल्ले से चल रहे थे। जब मामला मीडिया में उजागर हुआ तो प्रशासन हरकत में आया और आनन फानन में ओवर लोड वाहनों के खिलाफ कार्यवाई करनी शुरू कर दी थी। आप को बता दे की कुछ अधिकारी ही मिलकर मुख्यमंत्री की जीरो टॉलरेंस की नीति को फेल करने में लगे हुए हैं। और इसका साक्षात् उदाहरण आज इंद्री की अनाज मंडी में उस समय देखने को मिला जब इंद्री में गोयल कांटे पर ठेकेदार की गाड़ियों को ओवरलोडिड वाहनों का तोल किया जा रहा था। जब ओवरलोड वाहनों की सुचना मार्किट कमेटी के अधिकारियो को दी गई तो वे पल्ला झाड़ते नज़र आये और कहने लगे की ओवरलोड वाहन पकड़ने का काम मार्किट कमेटी के अधिकारियो का नहीं है और न ही हमारी जिम्मेदारी बनती। यह काम डी एफ़ एस सी एजेन्सी का है.आपको बता दे की एडीसी द्वारा जारी टेंडर के मुताबिक दस टायर वाले ट्रक में 300 कट्टे ले जाने का प्रावधान है जबकि यहाँ खड़े ट्रकों में डेढ़ गुना से लेकर दोगुना कट्टे तक लदे हुए थे जो सरकारी टेंडर नियमों की सरासर उलंघना है। नियमों का पालन ना करने वाले ट्रक व् ठेकेदार के खिलाफ कड़ी कार्यवाही का प्रावधान है और साथ ही उसका टेंडर भी रद्द किया जा सकता है।