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सडक़ सुरक्षा के संबंध में किसी तरह की उल्लंघना नहीं होगी सहन – कैप्टन

चंडीगढ़, 13 अप्रैल: सडक़ सुरक्षा के संबंध में किसी भी तरह की उल्लंघना न सहन करने को यकीनी बनाने का ऐलान करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सडक़ सुरक्षा के संबंध में निर्धारित खर्चों के खर्च संबंधी एक कार्य योजना तैयार करने के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है जिससे सडक़ दुर्घटनाओं को भविष्य में और कम किया जा सके।गत् वर्ष इन सडक़ हादसों में होने वाली मौतों में लगभग 16 प्रतिशत कमी आई है।

पिछले 10 वर्षो के दौरान सडक़ हादसों में होने वाली मौतों की तुलना में गत् वर्ष तेज़ी से कमी आने के बावजूद मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया है कि उनकी सरकार का उद्देश्य सडक़ हादसों को कम से कम करना है जिससे सूबे को हादसों से मुक्त बनाया जा सके।

पंजाब के मुख्यमंत्री की अध्यक्षता अधीन हुई पंजाब सडक़ सुरक्षा कौंसिल की मीटिंग के बाद एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि यह 3 सदस्यीय कमेटी गृह सचिव, ट्रांसपोर्ट सचिव और ए.डी.जी.पी आधारित होगी जो कि फंडों को सही ढंग से इस्तेमाल किये जाने को यकीनी बनाऐगी। इस वर्ष इस फंड के अंतर्गत 20 करोड़ रुपए की राशि उपलब्ध है।

मीटिंग के दौरान मुख्यमंत्री ने यातायात के उल्लंघन करने पर गंभीर नोटिस लिया जिससे सडक़ हादसे होते हैं। उन्होंने गाडियों के पीछे उचित रूप में न लगी लाईटों वाली गाडिय़ों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ऐसी गाडिय़ों की रजिस्टरेशन रद्द की जानी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि ट्रैक्टर-ट्रालियाँ को भी इन नियमों का पालन करना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने स्व:-चालित ढंग से गाडिय़ों की स्पीड चैक करने पर कौंसिल को अपना ध्यान केन्द्रित करने के निर्देश दिए। उन्होंने इस तरह के मामलों के अलावा शराब पीकर गाड़ी चलाने और यातायात की दूसरी उल्लंघनाओं के लिए ई-चालान का भी सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि ऑटोमैटिक स्पीड बैरियर स्थापित किये जाएं ताकि ट्रैफिक़ पुलिस और सडक़ ों पर अनुसाशन को कायम रखनें वाली दूसरी एजेंसियाँ की तरफ से गाड़ीयाँ की स्पीड के नियमों को कठोरता से यकीनी बनाया जाये।

 

मुख्यमंत्री ने तेज रफ़्तार और शराब पीकर गाडिय़ां चलाने के रुझान को शहरी क्षेत्रों में रोकने के लिए ट्रैफिक़ विभाग को विशेष यंत्रों द्वारा नज़दीकी से निगरानी रखने के लिए कहा है।

सूबे के बजट में हाईवे ट्रॉमा सेंटरों के लिए स्वीकृति दिए जाने का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐंबूलैंस सेवाएं शुरू करने के लिए दूसरे निजी यूनिवर्सिटियों को भी उत्साहित किया जायेगा जिनको राज मार्गों पर अह्म स्थानों पर खड़ा किया जायेगा।

 

कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ट्रैफिक़ उल्लंघना करने से बचने और ट्रैफिक़ नियमों की पालना करने के लिए आम लोगों को जागरूक बनाने के लिए व्यापक जन जागरूकता मुहिम शुरू करने के लिए भी अधिकारियों को कहा है । उन्होंने लोगों में ट्रैफिक़ नियमों की पालना करने की भावना को भरने के लिए इस मुहिम में लोगों विशेषकर नौजवानों की भागेदारी को यकीनी बनाने के लिए भी आधिकारियों को कहा है। उन्होंने कहा कि स्कूलों और अन्य शैक्षिक संस्थानों में विद्यार्थियों के लिए विशेष कैंप भी लगाऐ जाने चाहिएं ।

 

मुख्यमंत्री ने ट्रैफिक़ क ा उल्लंघन करने के आदी लोगों के लिए सख़्त सजा यकीनी बनाने का भी सुझाव दिया जिससे अन्य लोग ट्रैफिक़ नियमों का उल्लंघन करन से हिचकिचायंगेे।

 

पिछले एक साल के दौरान सडक़ हादसों में मौतों की संख्या को घटाने के लिए कौंसिल की तरफ से उठाये गये कदमों की विस्तृत जानकारी देते हुए। बैठक के दौरान बताया गया कि 2017 की कार्य योजना के अधीन राज्य भर में दुर्घटनाओं वाले 400 स्थानों की पहचान की गई जिनमें से 150 स्थानों को ठीक कर दिया गया है। पंजाब पुलिस पी.डबलयू.डी से मिलकर हादसों वाले स्थानों की पहचान कर रही है और उनमें सुधार ला रही है।

 

ए.डी.जी.पी ट्रैफिक़ सर्व सत्या चौहान द्वारा पंजाब में सडक़ सुरक्षा के पक्ष से दी गई प्रस्तुति में बताया गया कि सडक़ सुरक्षा और हादसों के तरीकों के संबंध में निगरानी रखने के लिए प्रत्येक जिले में विकेंद्रिकृत डाटा आधारित पहुंच अपनाई गई है। तेज गाडिय़ां चलाने और शराब पीकर ड्राइविंग करने के संबंध में शहरी इलाकों में विशेष मुहिम शुरू की गई है जिसके कारण बड़ा सुधार देखने को मिला है। श्री चौहान के बताया कि हेल्मट पहनने और सीट बैल्ट लगाने के संबंध में भी बहुत सुधार आया है।

 

प्रस्तुति के दौरान बताया गया कि 2017 में सूबे में कुल 5997 हादसे हुए जिसके कारण 4278 मौतें हुई। वर्ष 2016 के मुकाबले मौतों में 15.7 प्रतिशत की कमी आई। वर्ष 2017 के दौरान 4024 व्यक्ति गंभीर ज़ख्मी हुए। इसी वर्ष के दौरान ही हाईवे गश्त गाडिय़ां और ऐंबूलैंसों द्वारा राज्यभर में 3951 व्यक्तियों की जान बचायी गई। इनको तुरंत प्राथमिक सहायता देकर इलाज वाले स्थानों पर पहुंचाया गया।

 

उल्लेखनीय है कि 63 हाईवय गशत गाडिय़ां, 17 क्रेनों, 12 रिकवरी वैने और 18 एंबूलैंस राज्य के 6 नाजुक स्थानों और राष्ट्रीय राजमार्गों पर तैनात हैं। इसके अलावा एन.जी.ओ से संबंधित 125 निजी ऐंबूलैंसें भी पुलिस और जि़ला प्रसासन के तालमेल के साथ चल रही हैं।

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