प्रदेश भर में रोडवेज कर्मचारी निजीकरण के विरोध में 24 घंटे के धरने पर बैठे हैं। रोडवेज कर्मचारी इस धरने के माध्यम से प्राइवेट रूट परमिट का विरोध करते हुए परिवहन नीति को रद्द करने की मांग कर रहे हैं।
हरियाणा रोडवेज कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले धरने पर बैठे कर्मचारी किसी भी कीमत पर निजीकरण नहीं चाहते। उनका कहना है कि कर्मचारियों के विरोध के बावजूद सरकार निजीकरण पर तुली है। इसी के तहत रोडवेज कर्मचारी डिपो पर एकत्रित हुए और धरने पर बैठ गए। यह धरना 24 घंटे तक चलेगा और शुक्रवार सुबह धरने का समापन होगा। रोडवेज कर्मचारियों का कहना है कि सरकार को निजीकरण को बढ़ावा देने की बजाय रोडवेज के बेड़े में बसों को शामिल करना चाहिए।