स्कूलों में नए एडमिशन के लिए MIS फॉर्म स्कूलों द्वारा भरवाया जा रहा है इस फार्म में 100 कालम दिए गए हैं, जिन्हें अभिभावकों को भरना है। इस फॉर्म में बैंक डिटेल, पैन कार्ड से लेकर अपना व्यवसाय जाती व कैटेगिरी के साथ यह भी क्लियर करना होगा कि कहीं आपके बच्चे को जेंटीक डिसआर्डर तो नही है। इस फार्म को अभिभावक मजबूरी में भर रहे हैं क्यूंकि बच्चों के एडमिशन के साथ यह फ़ार्म भरना जरूरी है। भले ही आप इन्हें गलत भर दे आपको इसका कोई प्रमाण नही देना है। ऐसे में सवाल ये उठता है कि इस फार्म के मायने क्या है ? इनमे से कुछ कालम ऐसे हैं जिसको लेकर अभिभावक एतराज जता रहे हैं और इन्हें यूजलेस बता रहे हैं। उनका कहना है कि वो स्कूल में बच्चों को पढाने के लिए भेज रहे हैं खुद की डिटेल देने नही। इस फार्म में कुछ कालम तो ऐसे हैं जिनका बच्चों से कोई लेना देना नही है।
वहीं दूसरी तरफ स्कूल इस फार्म को भरवाना मजबूरी बता रहे हैं तो जिला शिक्षा विभाग भी उपरी आदेशों की पालना कर रहा है।
इसको लेकर जिला शिक्षा विभाग का भी यही कहना है कि यह आइकन्स उपर से विभाग ने ही भेजे हैं। इस फार्म को भरने के बाद छात्र विभाग के साथ अटैच हो जाते हैं छात्रों का रिकार्ड स्कूल व विभाग के पास आ जाता है बच्चे के एक स्कूल से दुसरे स्कूल जाने पर दिक्कत नही आती।