कुपोषण की बीमारी को जड़ से खत्म करने और बच्चों के स्वास्थ्य के मद्देनजर इंद्री के राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विधालय में एक अप्रैल से शिक्षा विभाग ने एक सहरानीय कदम उठाया है, जिसके तहत स्कूलों में पहली क्लास से लेकर छठी क्लास तक के बच्चों को दूध पिलाया जाएगा। इसका उदेशय कुपोषण की बिमारी को जड़ से ख़त्म करना है।
इस बारे में जानकारी देते हुए स्कूल के मास्टर नरेश कुमार ने सरकार द्वारा उठाए गए इस कदम की सरहाना करते हुए कहा कि हमारे देश में बहुत बच्चे कुपोषण का शिकार है और दूध जैसा पौष्टिक आहार पिलाने से कुपोषण को मिटाने में सरकार द्वारा उठाया गया कदम एक अहम भूमिका निभाएगा। बच्चों ने भी सरकार के इस प्रयास की खूब तारीफ की। जैसे ही बच्चो को ये पता चला है की स्कूल में दूध पिलाने लगे है तो वैसे ही बच्चे स्कूल ज्यादा आने लगे है। उन्होंने कहा कि हफ्ते में तीन दिन बच्चों को दूध पिलाया जाता है। जोकि खाना खाने से दो घंटे पहले पिलाया जाता है। ताकि बच्चों को ये पूरी तरह हज़म हो जाये और और बच्चों को पूर्ण पौष्टिक आहार मिल जाये।
अध्यापक नरेश का कहना है कि दूध पिलाने से कैल्शियम की कमी को दूर करता है।