जेल अधिकारीयों और कर्मचारियों द्वारा जेल कैदियों के साथ मारपीट करने का एक मामल प्रकाश में आया है। मामला रोहतक सुनारिया जेल का है जहाँ जेल के अंदर कुछ दिन पहले आधा दर्जन कैदियों की जबरस्त पिटाई की गई। जिसके चलते वे चलने-फिरने में भी असमर्थ हैं। इतना ही नहीं जेल के अधिकारियों व कर्मचारियों ने मारपीट के बाद किसी भी कैदी का मेडिकल तक नहीं कराया।
कैदियों के साथ जेल में हुई मारपीट का खुलासा तब हुआ जब जेल में बंद कैदी विकास से मिलने उसके पिता राम सिंह जेल पहुंचे। पहले तो उन्हें अपने बेटे से मिलने से मना कर दिया गया, लेकिन उनके धमकी देने के बाद उन्हें उनके बेटे से मिलने दिया। जब उनके बेटे को मिलाने के लिए लाया गया तो वो खुद चलने में असमर्थ था और दो जेल कर्मचारी उसे सहारा देकर मुलाकात के लिए लाए। विकास ने अपने पिता को उसके और दूसरे कैदियों के साथ हुई मारपीट की बात बताई। जिसके बाद मंगलवार को राम सिंह ने ग्रामीणों के साथ एसपी पंकज नैन से मुलाकात कर उन्हें इस घटना के बारे में अवगत कराया।
वहीं जेल से जमानत पर 2 दिन पहले बाहर आए एक कैदी ने भी इस घटना की पुष्टि की है। यह कैदी दो दिन पहले ही जमानत पर छूटा है। रोहतक के सुखपुरा चैक निवासी सतबीर सिंह चहल का कहना है कि शनिवार को वह घटनास्थल पर ही मौजूद था। जेल कर्मचारियों ने बेवजह ही कैदियों पर दबाव बनाने के उद्देश्य से मारपीट की। यही नहीं चहल ने सुनारिया जेल की व्यवस्थाओं पर भी सवाल उठाए हैं। उसका कहना है कि जेल में बिना पैसे के कोई सुविधा नहीं मिलती। चहल ने इस बारे में एक विस्तृत शिकायती पत्र जेल अधीक्षक रोहतक को भी भेजा है।
साथ ही इसकी प्रति सीएम, जेल मंत्री, मानवाधिकार आयोग, पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट और जिला सेशन जज को भी भेजी है। इस पत्र में उन्होंने साफ तौर पर जेल उप अधीक्षक तेज सिंह व सहायक अधीक्षक प्रेम प्रकाश पर गंभीर आरोप जड़े हैं। सतबीर चहल का कहना है कि ये दोनों अधिकारी जेल में कैदियों का हर प्रकार से शोषण करते हैं और भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। कैदियों में भय का वातावरण बना रखा है।